नई दिल्ली। इंटरनेट मीडिया को खबरों के लिए जि़म्मेदार बनाने के लिए सरकार नया कानून लाने की तैयारी में है। सरकार का मानना है कि अभी इंटरनेट मीडिया में जि़म्मेदारी का भाव नहीं है। इन पर जो कंटेंट पोस्ट होते हैं, उन्हें लेकर जवाबदेही तय करने की ज़रूरत है। 2021 में ट्विटर जैसे इंटरमीडियरीज को जवाबदेह बनाने के लिए सरकार आइटी नियम लाई थी। उसके बाद कुछ सुधार तो हुए, लेकिन अभी भी इंटरमीडियरीज के साथ-साथ यूट्यूब, आनलाइन चैनल्स जैसे कई मामलों में जवाबदेही का अभाव है। लिहाजा कानून को और सख्त बनाने पर विचार हो रहा है।
मंत्रालय सूत्रों के अनुसार, इलेक्ट्रानिक्स व आइटी मंत्रालय ऐसा कानून लाने की तैयारी कर रहा है, जिसके तहत साइबर सुरक्षा, इंटरनेट मीडिया की जि़म्मेदारी व सुरक्षित इंटरनेट से जुड़े नियम होंगे। डाटा सुरक्षा को भी इस नए कानून के दायरे में लाया जाएगा। अभी देश में डाटा सुरक्षा को लेकर कोई नियम-कानून नहीं है, इस वजह से वाट्सएप जैसे प्लेटफार्म की दलील होती है कि जब डाटा सुरक्षा को लेकर कोई कानून ही नहीं है तो वे किस कानून का पालन करें?
जिम्मेदारी निर्धारित करना आवश्यक
मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक, सोशल मीडिया पर दिए जाने वाले कंटेंट को लेकर जि़म्मेदारी तय करना जरूरी है। इस दिशा में काम शुरू हो गया है, लेकिन अभी इसकी समय सीमा नहीं बताई गई है। सरकार आस्ट्रेलिया व दक्षिण कोरिया जैसे देशों में बनाए गए डाटा सुरक्षा व सोशल मीडिया कानून को भी खंगाल रही है। प्रस्तावित कानून के तहत अगर इंटरनेट मीडिया या इंटरमीडियरीज के प्लेटफार्म पर चलने वाले कंटेंट की विश्वसनीयता को कोई चुनौती देता है और कंपनी उस चुनौती को गलत साबित नहीं कर पाती है, तो उस प्लेटफार्म के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।