नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने एक सर्कुलर जारी किया है, जिसमें बैंक ने कहा है कि जो भी उधारदाता जानबूझकर लोन नहीं चुका रहे हैं, उन्हें एक अलग वर्ग में बांट दिया जाएगा। इसके अलावा उधारकर्ता बैंक के साथ एक समझौता कर सकते हैं। इसमें वह बैंक से टैग को लेकर छुटकारा भी पा सकते हैं।
जून 2023 में आरबीआई ने एक और सर्कुलर जारी किया था। इस सर्कुलर में बैंक ने कहा था कि जानबूझकर एकमुश्त निपटान की अनुमति केवल उच्च प्राधिकारी के मंज़ूरी के बाद मिलेगी।
अगर कोई उधारकर्ता समय से लोन नहीं चुका रहा है, तो उसका नाम डिफॉल्टर लिस्ट में शामिल हो जाएगा। इस लिस्ट से नाम हटाने के लिए उधारकर्ता को बैंक के साथ एक समझौता करना होगा। इसी के साथ उधारकर्ता को समझौते की राशि का भुगतान भी करना होगा। अगर कोई उधारकर्ता लोन का भुगतान जानबूझकर नहीं कर रहा है, तो बैंक उसके ख़्िाला$फ कड़ी कार्रवाई भी कर सकता है।
डिफॉल्टर लिस्ट में शामिल होने के बाद उधारकर्ता के पास 06 महीने का समय होगा कि वह अपना नाम डिफॉल्टर लिस्ट से बाहर निकाल दें। अगर वह ऐसा नहीं करते हैं, तो उसके बाद उनके ख़्िाला$फ बैंक कड़ी कार्रवाई कर सकता है।