चंडीगढ़। हरियाणा में एक ऐसा मामला सामने आया है, जो कि हैरान कर देने वाला है। बताया जाता है कि विधायक के भांजे को टेंडर नहीं मिला तो बीडीपीओ को निलंबित करा दिया गया। हालांकि, पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने उनके निलम्बन को रद्द कर दिया है।
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार में सेवारत एक ब्लॉक विकास और पंचायत अधिकारी (बीडीपीओ) के निलंबन पर रोक लगा दी है, जिसने आरोप लगाया था कि स्थानीय भाजपा विधायक के अवैध निर्देशों को मानने से इनकार करने के बाद उन्हें दंडित किया गया था।
याचिकाकर्ता के अनुसार, बीडीपीओ कनीना के पद पर कार्यरत रहते हुए उन्होंने तीन अक्टूबर को सभी 53 ग्राम पंचायतों का समाधान करवाकर ठोस कचरा प्रबंधन के लिए ऑनलाइन टेंडर निकाला था। छह अक्टूबर को टेंडर खोलने के लिए याचिकाकर्ता की ओर से एक कमेटी का गठन किया गया और कमेटी में अकाउंटेंट क्लर्क, पटवारी, स्वच्छ भारत मिशन के समन्वयक और ब्लाक कनीना के ग्राम सचिव और याचिकाकर्ता खुद शामिल थे।
कोर्ट को बताया गया कि स्थानीय विधायक सीताराम ने शुरू में उन पर अपने भांजे ईश्वर सिंह उर्फ बिल्लू, जो जेबीएन डब्ल्यू इंटरप्राइजेज के मालिक हैं, के पक्ष में ऑ$फलाइन निविदा जारी करने के लिए दबाव डाला था। उपरोक्त कार्य का टेंडर मेसर्स लियो डेटा सॉल्यूशन को आवंटित किया गया था।