श्रीहरिकोटा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने सोमवार को आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान (जीएसएलवी) के ज़रिए एक नौवहन उपग्रह को प्रक्षेपित (लॉन्च) किया। इसरो का कहना है कि 12 ने नेविगेशन उपग्रह -01 को सफलतापूर्वक इच्छित कक्षा में स्थापित कर दिया है।
इसरो ने दूसरी पीढ़ी की नौवहन उपग्रह शृंखला के लॉन्चिंग की योजना बनाई है, जो नाविक यानी भारत की स्वदेशी नौवहन प्रणाली सेवाओं की निरंतरता सुनिश्चित करेगी। यह उपग्रह भारत और मुख्य भूमि के आसपास लगभग 1500 किलोमीटर के क्षेत्र में तत्कालिक स्थिति और समय संबंधी सेवाएं प्रदान करेगा।
क्या है नाविक उपग्रह?
नाविक उपग्रह एक खास तकनीक से बने उपग्रह होते हैं। ये उपग्रह पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किए जाने वाले सात उपग्रहों का एक समूह है, जो ग्राउंड स्टेशनों के साथ कनेक्ट होगा। इन उपग्रहों को खास तौर पर सशस्त्र बलों की ता$कत मज़बूत करने और नौवहन सेवाओं की निगरानी के लिए बनाया गया है। इसरो ने भारतीय उपग्रहों के साथ मिलकर जीएसएलवी एनवीएस-1 नाविक को तैयार किया है।