01 सितंबर को गुरु ग्रन्थ साहिब का प्रकाश दिवस मनाया जाता है। इसी दिन गुरु अर्जुन देव ने इस पवित्र ग्रन्थ की स्थापना हरिमंदिर साहिब में की थी। सिखों के दसवें गुरु गोबिन्द सिंह ने भी किसी इंसान को अगला गुरु बनाने की बजाए, गुरु ग्रन्थ साहिब को ही शाश्वत गुरु घोषित किया था।
गुरु ग्रंथ साहिब में सि$र्फ सिख गुरुओं के उपदेश नहीं हैं, बल्कि 30 दूसरे हिन्दू, मुस्लिम विचारकों की बातें भी हैं। इसका संपादन साल 1604 में सिख धर्म के पांचवे गुरु अर्जुन देव ने किया था। इसके बाद दसवें गुरु गोबिन्द सिंह ने गुरु तेगबहादुर जी के 116 शब्द जोड़कर इसे पूरा किया। इसमें कुल 1430 पन्ने हैं, जो इंसानियत और परोपकार की शिक्षा देते हैं।
इस दिन गुरु ग्रन्थ साहिब का अखंड पाठ किया जाता है। इसके बाद पंज प्यारों के साथ नगर कीर्तन निकाला जाता है। श्रद्धालु कीर्तन करते हुए गुरु ग्रन्थ साहिब के साथ बढ़ते हैं। गुरुद्वारों में इस दिन लंगर का आयोजन भी किया जाता है।