नैनीताल। शहर के आसपास सहित पर्वतीय क्षेत्र के जंगलों में चौतरफा आग लगी हुई है। पहाडिय़ां धधकने से शहर में धुआं ही धुआं है। एयरफोर्स स्टेशन लडिय़ाकांटा की पहाड़ी के साथ ही सातताल, गेठिया सेनिटोरियम के आसपास, पटवाडांगर, ज्योलीकोट सहित छह स्थानों पर जंगलों का बड़ा क्षेत्र जल रहा है।
शहर के टिफिनटाप सहित नयना पीक के अलावा स्नोव्यू, कैमल्स बैक आदि पहाडिय़ां में धुआं ही धुआं नज़र आ रहा है। शहर के निचले इलाकों तक जंगल की आग की वजह से धुंध छाई हुई है। ऐसे में नैनीताल में प्रदूषण चार गुना बढ़ गया है। वन विभाग के साथ ही दमकल विभाग के प्रयास के बाद भी जंगल की आग नियंत्रित नहीं हो पा रही है।
जंगलों की आग की चपेट में नैनीताल शहर का वातावरण बुरी तरह प्रभावित होगया है। सरोवर नगरी के इर्द-गिर्द इन दिनों वातावरण चार गुना अधिक प्रदूषण की चपेट में है। आमतौर पर नैनीताल में प्रदूषण की दर 20 से 25 पीएम 2.5 (पाल्यूटेड मैटर) रहता है, जो इन दिनों 100 पार कर गया है। जिस कारण यहां का स्वच्छ वातावरण धुंधला हो चला है। यह स्थिति आग की वजह से बनी रहेगी। शहर के आसपास की पहाडिय़ों में धधक रही आग बुझाने में फायर सर्विस तथा वन कर्मचारियों की टीम के पसीने छूट गए हैं।
स्थानीय नागरिकों ने वन विभाग से वनाग्नि रोकथाम को ठोस नीति बनाने के साथ ही जंगलों में आग लगाने वाले अराजक तत्त्वों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।