नई दिल्ली। सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में साइबर अपराध हेल्पलाइन नंबर 1930 के प्रसार के बाद पूरे देश में साइबर अपराधों की तस्वीर साफ होने लगी है। इंडियन साइबर क्राइम को आर्डिनेशन सेंटर (आइ4सी) द्वारा संचालित हेल्पलाइन पर आने वाली शिकायतों के अनुसार, हरियाणा और राजस्थान में फैले मेवात के इलाका सेक्सटार्शन, आनलाइन बुकिंग, ओएलएक्स तो झारखंड केवाइसी एक्सपाइरी, आधार से जुड़े पेमेंट सिस्टम, एनड्राइड बैंकिंग मालवेयर, बिजली बिल के भुगतान व कनेक्शन कटने से संबंधित साइबर अपराध का केंद्र है।
वहीं बेंगलुरू और दक्षिण भारत के कुछ स्थान पर सिम बाक्स काल सेंटर से जुड़े अपराध सामने आ रहे हैं। बताया जाता है कि हेल्पलाइन नंबर 1930 पर प्रतिदिन औसतन 45 से 50 हज़ार साइबर धोखाधड़ी की शिकायतें आ रही हैं। इनमें से 35 फीसदी मामले कस्टमर केयर नंबर, रिफंड, केवाईसी की एक्सपाइरी और रिमोट एक्सेस और 38 फीसदी मामले निवेश, टास्क आधारित स्कैम और आथोराइज्ड पुश पेमेंट से संबंधित होते हैं।
वहीं सेक्सटार्शन से 25 फीसदी शिकायत आ रही है। आनलाइन रोमांस से संबंधिक अपराध की शिकायत भी 11 फीसदी दजऱ् की गई है। आनलाइन बुकिंग, फर्जी फ्रेंचाइजी, क्यूआर कोड से जुड़ी 22 फीसदी, आधार से जुड़े पेमेंट और बाओमेट्रिक क्लोनिंग से संबंधित शिकायतें 11 फीसदी हैं।
दिल्ली में 755 लोग हुए शिकार
हेल्पलाइन नंबर के आंकड़ों के अनुसार, 2023 में प्रति एक लाख जनसंख्या में से 129 लोगों को साइबर अपराध का शिकार होना पड़ा है। इसके अलावा साइबर अपराध के शिकार होने वालों में जनसंख्या के अनुपात में राज्यों में हरियाणा और केंद्र शासित प्रदेशों में दिल्ली सबसे आगे है। हरियाणा में प्रति लाख जनसंख्या में से 381 लोग और दिल्ली में 755 लोग पिछले एक साल में साइबर अपराध के शिकार हुए हैं।