नई दिल्ली। सरकार ने सेवानिवृत्ति कोष निकाय के लगभग पाँच करोड़ अंशधारकों के लिए 2021-22 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) डिपॉजिट पर 8.1 प्रतिशत ब्याज दर को मंज़ूरी दे दी है, जो चार दशकों में सबसे निचला स्तर है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की फाइनेंस इन्वेस्टमेंट और ऑडिट कमेटी से बातचीत के बाद कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने यह फैसला लिया।
ज्ञातव्य है कि वित्तवर्ष 2020-21 में ईपीएफओ ने 8.50 प्रतिशत ब्याज देने का फैसला किया था। आंकड़ों की बात करें तो कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के वित्त-वर्ष 2022 के लिए पीएफ पर मिलने वाली ब्याज दर 40 सालों (चार दशकों) में सबसे कम यानी 8.1 प्रतिशत है। ईपीएफओ में जमा पैसे का 15 प्रतिशत इक्विटी में तो बाकी रकम डेब्ट में निवेश होता है।