नई दिल्ली। विगत 08 वर्षों में असम में सबसे अधिक राजद्रोह के मामले दजऱ् किए गए हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड की रिपोर्ट के आंकड़ों के अनुसार, 2014 से लेकर 2021 के बीच देश में दजऱ् किए गए 475 राजद्रोह के मामलों में से 69 मामले सिर्फ असम से ही थे। असम में आए मामलों की संख्या 08 साल के कुल आंकड़ों (राजद्रोह के 475 मामलों) का 14.52 प्रतिशत है।
एनसीआरबी ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के ज़ारी किए गए आंकड़ों की रिपोर्ट के आधार पर उन्हें एकत्र करके प्रकाशित किया है। वहीं साल 2014 से हुए राजद्रोह के अब तक के मामलों पर आईपीसी की धारा 124 ए के तहत रजिस्टर्ड डेटा उपलब्ध है।
एनसीआरबी की क्राइम इन इंडिया रिपोर्ट के ताजा आंकड़ों के मुताबिक साल 2021 में देश भर में 76 राजद्रोह के मामले दऱ्ज किए गए थे, जो 2020 में दजऱ् किए गए 73 मामलों से मामूली रूप से ज़्यादा था। वहीं 2019 में इन मामलों की संख्या 93, 2018 में 70, 2017 में 51 मामले, 2016 में 35 मामले, 2015 में 30 मामले और 2014 में 47 मामले दजऱ् किए गए थे।
राजद्रोह के मामलों के राज्यों के किए गए विश्लेषण से पता चलता है कि असम के बाद हरियाणा में ऐसे सबसे अधिक 42, झारखंड में 40, कर्नाटक 38, आंध्रप्रदेश में 32 और जम्म-कश्मीर में 29 केस दजऱ् किए गए। कुल मिलाकर इन छह राज्यों में ही 250 मामले दजऱ् किए गए हैं, जो कि 08 साल में पूरे देश में दजऱ् कुल राजद्रोह के मामलों की संख्या के आधे से अधिक हैं।