नई दिल्ली। एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम में किए गए बदलाव के विरोध के बाद अब पाठ्यक्रम के समर्थन में भी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के चेयरमैन सहित देश के $करीब 106 शिक्षाविद आगे आए हैं। उन्होंने न सिर्फ इस बदलाव का समर्थन किया है, बल्कि विरोध कर रहे शिक्षाविदों के गुट को स्वार्थी बताया है। साथ ही कहा है कि उनका यह विरोध पूरी तरह से औचित्यहीन और राजनीतिक एजेंडे के तहत किया जा रहा है।
पहले भी होते
रहे हैं बदलाव
पाठ्यक्रम में पहले भी बदलाव होते रहे हैं और इसकी एक पूरी प्रक्रिया है। मौज़ूदा बदलाव में भी इस प्रक्रिया का पालन किया गया है। पाठ्यक्रम में बदलाव का समर्थन करने वाले प्रमुख शिक्षाविदों में जेएनयू कुलपति सहित केंद्रीय विश्वविद्यालयों के कुलपति, प्रोफेसर, आइसीएसएसआर सचिव, आइआइएम जैसे शीर्ष संस्थानों के प्रमुख शामिल हैं।
शिक्षाविदों का एक
गुट कर रहा है विरोध
एनसीईआरटी पाठ्यक्रमों में बदलाव के बाद शिक्षाविदों का एक गुट लगातार विरोध में है। इनमें शामिल करीब 33 शिक्षाविदों, इनमें से कई पहले एनसीईआरटी की कमेटी में रहे है, ने हाल ही में एनसीईआरटी के निदेशक को पत्र लिखकर आपत्ति जताई थी। साथ ही किताबों से अपने नाम को हटाने की मांग भी की थी।