इस लेख में आपको शाकाहार के लाभ एवं मांसाहार से होने वाली हानि की जानकारी दी जा रही है। हम ही नहीं आज का आधुनिक विज्ञान भी मानता है कि संतुलित शाकाहारी आहार हमारे शरीर को पूर्ण पोषकतत्त्व प्रदान करने में सक्षम है। यह हमें हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, किडनी, जोड़ों का दर्द तथा कैंसर जैसे रोगों से बचाता है। शाकाहारी मनुष्यों की अपेक्षा मांसाहार करने वाले व्यक्तियों में हाई ब्लड प्रेशर ज़्यादा होता है, क्योंकि मांसाहार से ख़्ाराब कोलेस्ट्रोल की मात्रा बढ़ती है, जो शरीर के लिए नुकसानदायक है। जबकि, शाकाहार से प्राप्त प्रोटीन में ऐमीनो एसिड तथा मैग्रीशियम पाया जाता है, जो हमारे रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायक है।
मांसाहारी मनुष्य में मोटापा जल्दी आता है, क्योंकि मांस में वसा की मात्रा ज़्यादा होती है और कार्बोहाइड्रेट नहीं होता है, जबकि शाकाहार- रोटी, आलू, केला, तथा ब्रेड आदि में कार्बोहाइड्रेट अधिक पाया जाता है।
मांसाहारी व्यक्तियों में फाइबर की भी कमी होजाती है, जिससे हमारे शरीर का सन्तुलन बिगड़ता है। फाइबर की पूर्ति अनाज, दाल, फलों का रस तथा सलाद आदि से पर्यात मात्रा में मिल जाता है। साथ ही अनेक पोषकतत्त्व भी प्राप्त होते हैं, जो मोटापा के साथ-साथ अनेक रोगों को रोकने में सहायक होते हैं। मांसाहारी व्यक्तियों को मांस के साथ-साथ सम्बन्धित पशु या पक्षियों की संक्रामक बीमारी भी बोनस रूप में मिलती है, जिससे अथाह शारीरिक पीड़ा के बाद असमय मृत्यु भी हो सकती है। शाकाहारी मनुष्य को अनाज, दाल, फल, सलाद, से मिले विटामिन्स मिनरल्स, फाइबर प्रोटीन से रोग प्रतिरोधक क्षमता जाग्रत् होती है, जो शरीर को अनेक रोगों से बचाती है। हमारे शास्त्रों में भी कहा गया है कि जैसा आप खायेंगे अन्न, वैसा ही आपका बनेगा मन, अर्थात् अगर किसी पशु-पक्षी की हत्या करके उसका मांस खायेंगे तो आपका मन दूषित होगा और विचार भी दूषित बनेगा, जो कि पतन का कारण होगा। इस तरह यह कहना उचित ही होगा कि शाकाहार शक्ति का, तो मांसाहार मृत्यु का द्योतक है। इसलिए जीवन को स्वस्थ व सुरक्षित बनाए रखने हेतु प्रत्येक मनुष्य को प्रकृति के द्वारा प्रदत्त शाकाहार से ही पेट भरना चाहिये।
बृजपाल सिंह चौहान
आयुर्वेदरत्न, वैद्यविशारद
पंचज्योति शक्तितीर्थ सिद्धाश्रम