आइसर के वैज्ञानियों का दावा है कि अब तक जामुन के पौधे का जीनोम अनुक्रम नहीं किया गया था, यह दुनिया का पहला जीनोम अनुक्रमण है। आइसर के बायोलाजिकल साइंसेज विभाग के प्रोफेसर विनीत के शर्मा ने बताया कि जीनोम सिक्वेंसिंग की मदद से जामुन के फल, बीज और छाल के कुछ विशिष्ट गुणों की पहचान की गई है। अब इसकी मदद से कैंसर, अल्सर, डायबिटीज सहित अन्य बड़ी बीमारियों का भी उपचार हो सकेगा।
जीनोम अनुक्रमण से पता चला है कि जामुन के पेड़ की 1200 प्रजातियां होती हैं। ये सभी साइजेजियम परिवार की ही प्रजाति हैं। इस पौधे में 61 हज़ार जीन्स पाए जाते हैं। जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए एलुमिना, टेनेक्स व नैनोपोर तकनीक का उपयोग किया गया है।