भोपाल। राजधानी के बाग सेविनया स्थित राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान में विगत 18 साल में 688 दुर्लभ ग्रंथों का अनुवाद किया जा चुका है। इनमें भोपाल के जनक राजा भोज से लेकर दूसरे काव्य, महाकाव्य और अन्य ग्रंथ शामिल हैं।
यह मध्यप्रदेश का इकलौता और देश का 13वां संस्थान हैं, जहाँ संस्कृति में शोध कार्य हो रहे हैं। इन शोध कार्य में संस्कृत शब्दों का अंग्रेज़ी से मिलान और आधुनिकता के साथ संस्कृत का इस्तेमाल कैसे किया जाए? प्रमुख है। यहाँ संस्कृत सीखने देश भर के साथ नेपाल से भी छात्र-छात्राएं आते हैं।