यूट्यूब चैनल ‘बीएमकेएस के माध्यम से दिनांक 15 नवम्बर 2022 को अपने शिष्यों-भक्तों और समस्त देशवासियों को शुभाशिर्वाद प्रदान करते हुए ऋषिवर सद्गुरुदेव परमहंस योगीराज श्री शक्तिपुत्र जी महाराज ने पण्डोखर धाम के गुरुशरण शर्मा को झूठ, पाखण्ड समाप्त करने तथा सनातनधर्म की रक्षा के लिए चारों पीठों के शंकराचार्यों और त्यागमय जीवन जी रहे साधु-सन्तों का आवाहन करते हुए दिए विशेष चिन्तन।
संकल्प शक्ति। ऋषियों के कर्ममय जीवन और अध्यात्मिक अनुभूति से भारतीय संस्कृति के आत्माभिव्यञ्जन की प्रेरणा समाज को मिलती आई है और ऋषि ही सदैव सनातनधर्म को आगे बढ़ाते रहे हैं तथा यह कार्य इस कलिकाल में ऋषिवर सद्गुरुदेव श्री शक्तिपुत्र जी महाराज के द्वारा किया जा रहा है। लेकिन, वर्तमान में पण्डोखर धाम के गुरुशरण शर्मा अपनी लालचीवृत्ति के कारण सनातनधर्म को बदनाम करने में तुले हुए हैं, जिन्हें समय रहते सुधर जाने का संदेश देते हुए आपश्री ने कहा–
”मनुष्य जितना, जिस प्रकार का कर्म करता है, उसका उतना फल उसे भोगना पड़ता है। मैंने पण्डोखर धाम के गुरुशरण शर्मा को सुधरने के लिए एक मौका दिया था और यह मेरा कत्र्तव्य था। तुमने जो झूठ का पाखण्ड फैला रखा है और अपने आपको त्रिकालदर्शी कहते हो, तो तुम कोई त्रिकालदर्शी नहीं हो और तुम्हारे ऊपर बजरंगबली की कोई कृपा नहीं है। यदि बजरंगबली की कृपा होती, तो इतना नीचे न गिरे होते और न ही निम्नस्तरीय भाषा का प्रयोग करते। आज जब तुम्हारे पाखंड के विरुद्ध आवाज़ उठने लगी, तो विचलित हो उठे! मैं कोई गाजर, मूली नहीं हूँ, जिसे तुम खा जाओगे। मैं चेतना पुरुष हूँ और मैं तुम्हारी सभी चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार हूँ, लेकिन इससे पहले तुम्हें यह साबित करना पड़ेगा कि तुममें झूठ और पाखंड नहीं है। मैं चारों पीठों के शंकराचार्यों को यह अधिकार देता हूँ कि एक जगह बैठकर सही, गलत का निर्णय करें।
सत्य की आवाज़ जब उठती है, तो अच्छे-अच्छे सुधर जाते हैं। तुम अन्धकार को लेकर प्रकाश से लड़ रहे हो। ध्यान रखो कि प्रकाश से बड़ा अन्धकार नहीं होता, सत्य से बड़ा असत्य नहीं होता। मैं असत्य से कभी समझौता नहीं करता, अन्धकार से प्रकाश का रिश्ता नहीं जोड़ा जा सकता। तुम जिस पथ पर चल रहे हो, उससे तुम्हारा अस्तित्व समाप्त होने में देर नहीं लगेगी। मेरे साथ लाखों-लाख लोग सत्यधर्म की राह पर चल रहे हैं। तुमने 25-30 वर्षों में समाज के लोगों को केवल छला है, भटकाया है, जबकि यह पंचज्योति शक्तितीर्थ सिद्धाश्रम वह स्थल है, जहाँ से लाखों-लाख लोग लाभान्वित हो चुके हैं। मैं सभी देशवासियों से, बुद्धिजीवियों से, धर्मप्रमुखों से कहना चाहता हूँ कि सत्य और असत्य क्या है? इस पर विचार करें।
गुरुशरण शर्मा, तुम्हारा भण्डाफोड़ तुम्हारे अपने ही लोग कर रहे हैं, जिन्हें कि तुमने छला है। क्यों बदनाम कर रहे हो बजरंगबली को? तुमने तो धार्मिकस्थल को बदनाम किया है! तुमने कहा है कि आगे भयानक अंधकार आने वाला है, जिसमें सभी धार्मिकस्थल नष्ट हो जायेंगे और केवल पण्डोखर धाम बचेगा, जहाँ सभी आश्रय लेंगे। अरे, ऐसा कोई अंधकार नहीं आने वाला और न कोई धार्मिकस्थल नष्ट होगा। पूरा समाज जाग्रत् हो रहा है और चारोंओर सत्यधर्म का प्रकाश फैल रहा है।
अन्धकार फैलाने का प्रयास केवल तुम कर रहे हो। किसी के घर में कोई मर जाता है, तो कहते हो कि भूत-प्रेत का साया है! तुम्हारे पास तन्त्र-मन्त्र का कोई ज्ञान नहीं है, केवल आडम्बर फैलाए हुए हो और तुम्हारे मनमस्तिष्क में पाप का आवरण छा गया है। तुमने इतने पाप किए हैं कि भले ही प्रायश्चित कर लो, लेकिन तुम्हारे पाप कम नहीं होंगे। गलत तरीके से, झाड़-फूँक के नाम पर सुख-सुविधाएं बटोरने वालों का भला कभी नहीं हो सकता। ये सत्य की आवाज़ है, इसे कोई नहीं रोक सकता। तुमने लोगों को बेवकूफ बनाने के लिए कि जिनका काम नहीं हुआ है, 22 नवम्बर को फिर बुलाया है, इसलिए कि उनका परचा बदल सको, उन्हें और ठग सको। तुम अपने यहाँ लोगों से लेट्रिन जाने तक का पैसा लेते हो। यहाँ पंचज्योति शक्तितीर्थ सिद्धाश्रम पर आकर देखो, चार-पाँच सौ लेट्रिन-बाथरूम बने हुए हैं, यहाँ तक कि रहने, भोजन करने, सभी व्यवस्थाएं नि:शुल्क हैं।
मैं पाँच करोड़ रुपए इनाम देने के लिए तैयार हूँ, यदि तुम जिस पेपर, पत्रिका को लेकर बड़ी-बड़ी बातें कर रहे हो, उसमें लिखी बातों को सत्य सिद्ध कर दो। तुम मेरे विरुद्ध कुछ भी सिद्ध नहीं कर सकते कि कहीं पर मैंने कुछ गलत किया है। जबकि, तुम्हारा जीवन कैसा है, किस तरह का है? यदि बोलना शुरू कर दूँगा, तो छिपने के लिए जगह नहीं मिलेगी।
सनातनधर्म के लिए तुमने आज तक क्या किया? सनातनधर्म के नाम पर केवल समाज के लोगों को ठगते रहे। तुम्हारे पास भूत-प्रेत, बैताल, तंत्र-मंत्र, किसी प्रकार की कोई सिद्धि नहीं है। केवल सिद्धि के नाम पर करोड़ों-करोड़ रुपए समाज से लूट रहे हो। समाज में भ्रम फैलाना बन्द कर दो, अन्यथा कहीं के नहीं रहोगे। तुम जो $गलत कर रहे हो, उसके लिए तुम्हें माफी माँगनी पड़ेगी, चाहे सार्वजनिक रूप से, चाहे न्यायालय में। अच्छा होगा कि सार्वजनिक रूप से माफी माँग लो।
मेरा जीवन गंगाजल के समान पवित्र है। तप, त्याग, पुरुषार्थ क्या है, इसे तुम क्या जानो? मैंने स्वयं को तपाया है, अपनी इन्द्रियों को वशीभूत किया है और मेरे सभी शिष्य चेतनावान् हैं। 25-26 $फरवरी 2022 को प्रयागराज में मेरा शिविर है। जो गल्तियाँ तुमसे हुर्इं हैं, वहाँ आकर माफी माँग लोगे, तो तुम्हें माफ कर दिया जायेगा। तुमने तो सनातनधर्म को केवल पैसा कमाने का ज़रिया बनाया है, केवल तुमने पैसों से रिश्ता जोड़ा है। तो, भला तुम सनातनधर्म की रक्षा क्या करोगे? समाज जाग चुका है, अब भी वक्त है, सुधर जाओ।
सनातनधर्म की रक्षार्थ आगे आएं
मैं सभी तपस्वियों से, साधु-संतों से कहता हूँ कि जागो, केवल सम्मान भोगने में न लगे रहो, सनातनधर्म की रक्षा के लिए उठो। रामपाल ने पूरी गीता के अर्थ को ही बदल दिया, एक नई गीता लिखने का प्रयास किया! इस पर किसने आवाज़ उठाई? यह वक्त है जागने का। आओ जागो, उठो और सनातनधर्म की रक्षा के लिए तत्पर होजाओ। क्या शंकराचार्यों का कत्र्तव्य यह नहीं बनता कि सनातनधर्म की रक्षा के लिए आगे आयें? मैं बार-बार कहूँगा कि यदि अपनी माँ का दुग्धपान किया है, तो उसे लजाओ मत और सनातनधर्म की रक्षा के लिए सामने आओ।
हर जगह लगी हैं धर्मपरिवर्तन की दुकानें
आज समाज में धर्मपरिवर्तन करवाने वालों की होड़ लगी हुई है, जगह-जगह धर्मपरिवर्तन की दुकानें लगी हुईं हैं। इसके विरुद्ध हमारे धर्मप्रमुखों को बहुत पहले मुखर होकर आवाज़ उठानी चाहिए थी। आज अगर उच्चतम न्यायालय का एक आदेश आया है, तो मौ$का है। केन्द्र सरकार को ऐसा $कानून बनाना चाहिए कि कोई अगर समाज में, जिस धर्म में जन्म लेता है, तो जीवन की अन्तिम श्वास तक दूसरे धर्म को स्वीकार न कर सके और यदि विषम परिस्थिति आती है तथा कोई धर्मपरिवर्तन करना ही चाहता है, तो कम से कम छह माह का लम्बा कोई ऐसा प्रोसीजर होना चाहिए कि जि़लाधिकारी के बिना संज्ञान के, बिना उसकी अनुमति के कोई धर्मपरिवर्तन न कर सके और अगर कोई धर्मपरिवर्तन करता है, तो सबसे पहले उसकी नागरिकता को, वोट देने के अधिकार को छीन लेना चाहिए। इसके लिए सख़्त से सख़्त कानून लागू हो।
समाज में पैदा किया जा रहा है असंतुलन
धर्मपरिवर्तन के द्वारा समाज में असंतुलन पैदा किया जा रहा है। हम सभी धर्मों का सम्मान करते हैं, सभी विचारधाराओं का स्वागत करते हैं, मगर हमारी विचारधारा पर यदि कोई हस्तक्षेप करेगा, अगर हमारे सनातनधर्म को कोई आघात पहुँचाना चाहेगा, तो किसी की आवाज़ उठे न उठे, भगवती मानव कल्याण संगठन के द्वारा, योगीराज शक्तिपुत्र महाराज के द्वारा यह आवाज़ अवश्य उठाई जायेगी और पहले भी उठाई जाती रही है। सनातनधर्म की रक्षा के लिए हम हँसते-हँसते अपने जीवन को न्यौछावर करने लिए तैयार हैं। एक नहीं, मेरे लाखों शिष्य समाजसेवा के लिए हर समय तैयार रहते हैं और समाजसेवा के लिए कार्य कर रहे हैं।
… मैं बार-बार आवाहन करता हूँ
मेरा पूरा जीवन समाजसेवा के लिए समर्पित है और सत्य की रक्षा करने वालों का मैं बार-बार आवाहन करता हूँ कि जिस तरह हमारे भगवती मानव कल्याण संगठन के सदस्य डोर-टु-डोर सम्पर्क करके समाज में परिवर्तन ला रहे हैं, आप भी इस महत्त्वपूर्ण कार्य में लग जाएं। मेरे संगठन के कार्यकर्ता, मेरे सभी शिष्य, दिन-रात समाजसेवा के कार्य में लगे हुए हैं। संगठन के कार्यकर्ताओं के द्वारा नशामुक्ति के लिए जो कार्य किया गया है और किया जा रहा है, वह देशवासियों के लिए अनुकरणीय है। गुरुशरण शर्मा, यदि तुम्हें अनुसंधान करना है, तो मेरे आश्रम आकर अनुसंधान कर लो कि समाज में इतना बड़ा परिवर्तन किस प्रकार से हो रहा है? यहाँ कोई भी तंत्र-मंत्र, षड्यंत्र नहीं किया जाता, फिर भी समाज बदल रहा है और तुमने जो किया है, उसका अनुसंधान समाज ने करना प्रारम्भ कर दिया है, जिससे तुम्हारी पोल खुलनी शुरू हो गई है।
सुधर जाओ और अच्छा कार्य करो
गुरुशरण शर्मा, सुधर जाओ और अपने कार्यों में सुधार लाओ, हम हर अच्छे कार्य की सराहना करेंगे। मगर, यदि सुधार नहीं करोगे, झूठ, पाखंड की पोटली लेकरके सत्य से टकराओगे, तो तेरे पाखंड की पोटली खुलनी प्रारम्भ हो जायेगी और तू कहीं का नहीं रहेगा।
हम समाजहित के लिए कार्य करते हैं, हमारा मनमस्तिष्क हर समय शान्त रहता है और धर्म, धैर्य, पुरुषार्थ हमारी पूँजी है तथा सभी कार्य हम भक्ति, ज्ञान एवं पुरुषार्थ के बल पर करते हैं।