भारतवर्ष में हनुमान जयंती का पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। आंध्रप्रदेश और तेलंगाना में हनुमान जयंती 41 दिनों तक मनाई जाती है। धार्मिक ग्रंथों की मानें तो चैत्र माह के शुक्लपक्ष की पूर्णिमा के दिन हनुमान जी का प्राकट्य हुआ था। वहीं, किवदंतियों को मानें, तो हनुमान जी का अवतरण छोटी दीपावली के दिन हुआ था, तथापि इस दिन भी हनुमान जी का जन्मोत्सव मनाया जाता है।
इस दिन कुछ विशेष उपाय कर आप ग्रहों के नकारात्मक प्रभाव को दूर कर सकते हैं। इतना ही नहीं शिक्षा, व्यापार व नौकरी के क्षेत्र में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए भी हनुमान जी की पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है। इस बार हनुमान जयंती 16 अप्रैल 2022, शनिवार को है। इस दिन हनुमान जी के भक्त पूरे दिन बजरंगबली की भक्ति में लीन रहते हैं और सुंदरकांड का पाठ करते हैं।
शास्त्रों की मानें तो आज भी बजरंगबली धरती पर वास करते हैं। माता जानकी ने हनुमान जी को अमरता का वरदान दिया था। मान्यता है कि हनुमान जयंती के अवसर पर विधि विधान से बजरंगबली की पूजा अर्चना करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है, लेकिन ध्यान रहे हनुमान जी की पूजा करते समय मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का स्मरण अवश्य करें, क्योंकि श्रीराम जी की पूजा के बिना हनुमान जी की पूजा अधूरी मानी जाती है।
संतान प्राप्ति के लिए भी हनुमान जयंती का विशेष महत्त्व है। धार्मिक ग्रंथों की मानें तो इस दिन बजरंगबली की पूजा के साथ सूर्य देव को अध्र्य देने व पूजन करने से नि:संतान को संतान की प्राप्ति होती है और संतान संबंधी सभी समस्याओं का निवारण होता है।