नई दिल्ली। दिल्ली एनसीआर में शनिवार, 12 नवंबर, 202 को फिर से भूकंप आया। शाम को 7:57 बजे भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। इससे पहले मंगलवार-बुधवार की रात को लगभग 02 बजे भूकंप आया था। उस दौरान कुछ लोगों को ही भूकंप के झटकों का एहसास हुआ था, लेकिन शनिवार को जिस समय भूकंप आया, तब लोग अपने रोजमर्रा के कामों में लगे थे। ऐसे में जब भूकंप आया तो, लोग काफी दहशत में आ गए।
भूकंप के झटके शानिवार को नोएडा और गुरुग्राम के अलावा हरियाणा और उत्तरप्रदेश के अन्य इलाकों, उत्तराखंड और पंजाब में भी महसूस हुए।
भूकंप आने पर क्या करें और क्या ना करें
भूकंप के दौरान जितना हो सके खुद को सुरक्षित रखने की कोशिश करें। कुछ भूकंप वास्तव में किसी बड़े भूकंप का पूर्वाभास होते हैं, ऐसे में ज़्यादा इधर-उधर घूमने की बजाए किसी सुरक्षित स्थान पर बैठ जाएं। तब तक घर से बाहर ना निकलें, जब तक कि कंपन बंद ना हो जाए और आपको यकीन ना हो जाए कि बाहर निकलना सुरक्षित है।
घर के अन्दर हैं तो…
भूकंप आने पर किसी मज़बूत मेज, बेड या किसी और फर्नीचर के नीचे बैठ जाएं। तब तक वहां बैठे रहें जब तक कंपन बंद न हो जाए। अगर आपके पास कोई टेबल या डेस्क नहीं है, तो अपने चेहरे और सिर को अपनी हाथों से ढक लें और बिल्डिंग के किसी अंदरूनी कोने में बैठ जाएं। शीशे, खिड़कियों, दरवाजे, दीवार या किसी भी ऐसी चीज से दूर रहें जो गिर सकती है।
भूकंप के दौरान बाहर जाने की कोशिश तभी करें जब दरवाजा आपके पास हो। जब तक कंपन बंद न हो जाए तब तक अंदर रहें। शोध से पता चला है कि ज़्यादातर चोटें तब लगती हैं जब इमारत के अंदर रहने वाले लोग इमारत के अंदर किसी दूसरे स्थान पर जाने की कोशिश करते हैं या बाहर निकलने की कोशिश
घर से बाहर हों तो…
अगर भूकंप के दौरान आप घर, ऑफिस या किसी इमारत में ना होकर बाहर हैं तो, ऐसी स्थिति में जहां हो वहीं रुक जाओ और हिलो नहीं। इस दौरान, इमारतों, पेड़ों, स्ट्रीटलाइट्स और बिजली के तारों से दूर रहें।
यदि आप खुली जगह में हैं, तो कंपन बंद होने तक वहीं रहें। सबसे ज़्यादा खतरा बिल्डिंग्स के आस-पास होता है। भूकंप से संबंधित अधिकांश दुर्घटनाएं दीवारों के गिरने, कांच के टूटने और वस्तुओं के गिरने के कारण होती हैं।
अगर चलती गाड़ी में हों तो…
अगर भूकंप के दौरान आप ड्राइव कर रहे हैं तो जितनी जल्दी हो सके सुरक्षा अनुमति के अनुसार रुकें और वाहन में ही रहें। इमारतों, पेड़ों, ओवरपास और बिजली के तारों के पास या उनके नीचे रुकने से बचें।
भूकंप रुकने के बाद सावधानी से आगे बढ़ें। उन सड़कों, पुलों, या रैंप से बचें जो भूकंप से क्षतिग्रस्त हो सकते हैं।