भोपाल। प्रदेश की आंगनवाडिय़ों के 38 लाख बच्चों को आधा-अधूरा पोषण आहार मिल रहा है। 95 हज़ार आंगनवाडिय़ों में बच्चों को पूरक पोषण आहार बांटने का काम स्वसहायता समूहों को मिला हुआ है, लेकिन उन्हें मार्च के महीने से शासकीय उचित मूल्य की दुकानों से राशन नहीं मिल पा रहा है। जुलाई में सिस्टम अपडेट हुआ तो कुछ आंगनवाडिय़ों में पूरक पोषण आहार बनाने के लिए स्वसहायता समूहों को गेहूं और चावल मिल पाया है।
सूत्रों के अनुसार, पिछले चार महीनों से बच्चों के अनुपात में आंगनवाडिय़ों में राशन नहीं पहुंच पा रहा है। महिला बाल विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव अशोक शाह के मुताबिक, ये खाद्य विभाग ही बताएगा कि राशन क्यों नहीं पहुंच पा रहा है? वहीं, खाद्य विभाग के अफसरों का कहना है कि हमें आवंटन मिलेगा तो बांट देंगे। आवंटन मिल ही नहीं रहा है तो कैसे बांटें?
… राशि भी नहीं मिल रही है
आंगनवाडिय़ों में 3-6 वर्ष के बच्चों के लिए नाश्ता और भोजन तैयार करने के लिए गेहूं और चावल सार्वजनिक उपभोक्ता भंडार की दुकानों से दिया जाता है। साथ ही नाश्ता और भोजन तैयार करने में लगने वाली अन्य सामग्री खाद्य तेल, सोया, मूंगफली, गुड़, दाल, सब्जी नमक आदि की खरीदी के लिए प्रत्येक बच्चे के हिसाब से 7.50 रुपए दिए जाते हैं। यह राशि भी पिछले चार महीनों से स्व-सहायता समूहों तक नहीं पहुंच रही है।