संकल्प शक्ति। परिलक्षित है कि अहंकार के वशीभूत व्यक्ति परिणाम की परवाह किए बिना कि मैं ही सबकुछ हूँ, मेरा कोई क्या कर लेगा? जिसे चाहे उसके लिए अपमानजनक टिप्पड़ी कर देता है। यही कारण है कि पुरानी कहावतों में नए-नए जुमले जुड़ते जा रहे हैं। पहले कहा जाता था कि ये ‘वाणी सम्मान भी दिलाती है और जूते भी खिलवाती है। लेकिन कांग्रेस पार्टी के राजनेता राहुल गाँधी का मामला जबसे प्रकाश में आया है, इसमें एक जुमला और जुड़ गया है कि यह आपको जेल भी भिजवा सकती है।
वाणी के सम्बंध में ऋषिवर सद्गुरुदेव परमहंस योगीराज श्री शक्तिपुत्र जी महाराज का चिन्तन है कि “कुछ भी कहने से पहले अपनी अन्तरात्मा से अवश्य पूछें कि यह कहना उचित होगा या नहीं। अन्तरात्मा एकबार अच्छे-बुरे का संकेत अवश्य देती है।“
जैसा कि यह सर्वविदित हो चुका है कि राहुल गांधी ने वर्ष 2019 में अपने एक सार्वजनिक बयान में कहा था कि ‘सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है? इससे एक वर्गविशेष को अपमानजनक पीड़ा पहुँची थी और इसी परिप्रेक्ष्य में चल रहे मानहानि के मु$कदमें में गुरुवार, दिनांक 23 मार्च को गुजरात प्रदेश के सूरत नेशंस कोर्ट ने राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई और अब तो उनकी संसद सदस्यता रद्द होने के साथ सरकारी बंगला भी खाली करने का नोटिस ज़ारी हो गया है।
जल्द टूटेगा चक्रव्यूह
जातिवाद, क्षेत्रवाद, भाषा और संप्रदाय सम्बंधी विवाद उत्पन्न करके जो राजनेता देश की जनता को गुमराह करके अपना स्वार्थ सिद्ध करना चाहते हैं, उनका चक्रव्यूह जल्द ही टूटेगा और जब ये चक्रव्यूह टूटेगा, तब मानवता और समाजिकता ही सर्वोपरि होगी, परोपकार का अभ्युदय होगा, लोगों की मानसिकता में आमूल-चूल परिवर्तन होगा और दुर्भावना समाप्त होगी तथा अध्यात्मिक ऐश्वर्य कण-कण में व्याप्त होगा। आवश्यकता है तो केवल स्वयं में बदलाव लाने की।
:- अलोपी शुक्ला