Saturday, November 23, 2024
Homeसमसामयिकएक न एक दिन अवश्य पूरा होगा, भारतीय शक्ति चेतना पार्टी का...

एक न एक दिन अवश्य पूरा होगा, भारतीय शक्ति चेतना पार्टी का यह प्रण: बहन संध्या शुक्ला

संकल्प शक्ति। देश की मिली स्वतंत्रता के परिप्रेक्ष्य में अपने मनोभावों को व्यक्त करते हुए भारतीय शक्ति चेतना पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष शक्तिस्वरूपा बहन संध्या शुक्ला जी ने कहा कि ”देश के हज़ारों वीर सपूतों ने अपने प्राणों की आहुति देकर देश को स्वतंत्र कराया, लेकिन क्या वास्तव में आप स्वतंत्र हो पाए हैं?
जैसा कि सर्वविदित है, हमारा देश 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्र हुआ था, तब से 75 वर्ष हो चुके हैं, लेकिन आज भी सामान्य जनजीवन भय-भूख-भ्रष्टाचार से त्रस्त है। जिस तरह अंगे्रज़ों के अत्याचारों व अमानवीय कृत्यों से त्रस्त होकर गुलामी से मुक्ति पाने के लिए देश की जनता ने एकजुट होकर क्रान्ति का ऐलान कर दिया था, उसी तरह विकृत राजनीति व भ्रष्टाचार से मुक्ति पाने के लिए सभी को एकजुटता का परिचय देना होगा। देश के वीर सपूतों ने अंग्रेज़ों को क्रांति को हथियार बनाकर देश से खदेड़ा, लेकिन भ्रष्ट राजनेताओं की नेतागिरी समाप्त करने के लिए आपके पास सबसे बड़ा हथियार आपका वोट है। आज देश को ज़रुरत है नशे-मांस से मुक्त चरित्रवान्, चेतनावान्, परोपकारी व पुरुषार्थी जनसेवकों की।
शक्तिस्वरूपा बहन ने कहा कि ”15 अगस्त का राष्ट्रीय महत्त्व तो है ही, इसका बहुत बड़ा ऐतिहासिक महत्त्व भी है। इस दिन बरबस ही उधम सिंह, भगत सिंह, सुभाषचन्द्र बोस, चन्द्रशेखर आज़ाद जैसे हज़ारों क्रांतिकारी शहीदों की याद में देशभक्तों की आखों से अश्रु छलक पड़ते हैं और श्रद्धा से मस्तक झुक जाता है। हम, आप, सभी का यह परम कत्र्तव्य है कि हम अपने स्वतंत्रता की रक्षा करें। भ्रष्टाचारियों व अमानवीय कृत्यों में लिप्त बड़ी-बड़ी बातें करने वाले घोटालेबाज राजनेताओं, नशामािफयाओं, रिश्वतखोर नौकरशाहों और कालाबाज़ारी में लिप्त व्यापारियों को सबक सिखाने का समय आ चुका है।

देश को स्वतंत्र कराने के लिए अपने प्राणों का बलिदान करने वाले क्रांतिवीरों का सपना 75 साल मे भी नहीं हुआ पूरा!
आपने कहा कि ”हमारे पूर्वजों ने, देश के क्रान्तिवीरों ने स्वर्णिम भारत के सपने संजोए थे, लेकिन क्या वे सपने पूरे हो सके? आज़ादी के 60 साल तक कांग्रेस पार्टी के नाम पर देश की सत्ता पर जमे भ्रष्ट नेता भ्रष्टाचार व घोटालों में डूबते-उतराते रहे। और, आज भारतीय जनता पार्टी देश की शीर्ष सत्ता पर बैठी हुई है, तो क्या यह पार्टी अपने उत्तरदायित्वों को पूरा कर पा रही है? यह प्रश्न भी मुँहबाएं खड़ा है। विकास का ढोल तो पीटा जा रहा है, लेकिन बढ़ती मंहगाई और भ्रष्टाचार तले आम आदमी बद से बदतर जीवन जीने के लिए मज़बूर है। देशवासियों को अच्छे दिनों का सपना दिखाने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 69वें स्वतंत्रता दिवस पर स्वयं को प्रधानसेवक तो कह दिया, लेकिन क्या वे अपनी कथनी को चरितार्थ कर पा रहे हैं?
देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने देश की स्वतंत्रता के बाद अपने प्रथम भाषण में कहा था कि ‘आज हम जिस उपलब्धि का उत्सव मना रहे हैं, वो केवल एक $कदम है, नए अवसरों के खुलने का। इससे भी बड़ी विजय और उपलब्धियां हमारी प्रतीक्षा कर रही हैं। जब तक लोगों की आंखों में आंसू हैं, तब तक हमारा कार्य समाप्त नहीं होगा। आज एक बार फिर वर्षों के संघर्ष के बाद भारत जाग्रत् और स्वतंत्र है। भविष्य हमें बुला रहा है। हमें कहाँ जाना चाहिए और हमें क्या करना चाहिए? जिससे हम आम आदमी, किसानों और श्रमिकों के लिए स्वतंत्रता और अवसर ला सकें।
भारत के प्रथम प्रधानमंत्री का यह सारगर्भित भाषण कुछ हद तक चरितार्थ तो हुआ, लेकिन $गरीबों के लिए नहीं, बल्कि सत्ताधारी राजनेताओं, अलगाववादियों, पूँजीपतियों, नशामािफयाओं और दलालों के लिए। गरीबों की आँखों में आज भी वही अभाव के आँसू हैं, जिसे पोछने का कार्य आज तक किसी ने नहीं किया!
बहन संध्या शुक्ला ने कहा कि ”राष्ट्र के हितों के प्रति संकल्पबद्ध भारतीय शक्ति चेतना पार्टी कहती नहीं, बल्कि मानवता की सेवा करने के लिए उसके कदम बढ़ चुके हैं। भारतीय शक्ति चेतना पार्टी के नशे-मांस से मुक्त चरित्रवान्, चेतनावान्, परोपकारी और पुरुषार्थी कार्यकर्ताओं ने देश को भय-भूख-भ्रष्टाचार से मुक्त करने का प्रण लिया है और यह प्रण एक न एक दिन पूरा अवश्य होगा।

संबंधित खबरें

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

आगामी कार्यक्रमspot_img

Popular News