नई दिल्ली। टिकट बटवारे का फैसला होने के बाद भाजपा में बवाल की स्थिति है। हिमाचलप्रदेश से लौटते ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की अगुआई में फिर से बैठकों का दौर भी शुरू हो गया।
पार्टी के पूर्व अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री अमित शाह के आवास पर भी निगम चुनाव के टिकट को लेकर बैठक हुई। टिकट बंटवारे में कई चेहरों पर पार्टी के अंदर नाराज़गी सामने आ रही है। पार्टी सूत्रों ने बताया कि भाजपा ने शनिवार देर रात जो सूची जारी की थी उसमें कई नामों को खबर लिखे जाने तक रोक दिया गया था। यह भी सामने आया है कि सूची में करीब 14 सीट ऐसी थीं, जिनमें कई ऐसे चेहरों को चुनाव मैदान में उतरने की मंज़ूरी दी गई थी, जिन पर अब तक पार्टी की तरफ से ही कई आरोप लगते रहे हैं।
हंगामा बढ़ जाने के बाद नामांकन के लिए प्रयोग किया जाने वाला पार्टी चुनाव चिह्न संबंधित उम्मीदवारों को जारी नहीं किया गया, जिससे उम्मीदवारों में उहापोह की स्थिति बनी रही। इससे पूर्व हुए चुनाव में भी ऐसी ही हड़बड़ी की वजह से कई उम्मीदवार पर्चा नहीं भर पाए थे। इस बार पार्टी ने अपने 57 पुराने पार्षदों को चुनाव में उतारा है, इनमें तीन महापौर भी शामिल हैं।
किराड़ी में विरोध प्रदर्शन
किराड़ी वार्ड से वर्तमान निगम पार्षद पर भाजपा के कार्यकर्ताओं ने ही भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। ये कार्यकर्ता पार्टी कार्यालय पहुंचे और टिकट के विरोध में नारेबाजी कर अपना विरोध दजऱ् कराया। कार्यकर्ताओं ने दावा किया कि पार्टी ने ऐसे उम्मीदवार को मैदान में उतारा है जिसके खिलाफ हाल ही में अनुसूचित जाति संबंधित नियमों के तहत मामला दजऱ् किया गया है। वहीं वार्ड 43 से भी ऐसा ही विरोध पार्टी कार्यालय में रविवार को देखने को मिला जहाँ, पार्षद की बेटी ने प्रदेश अध्यक्ष की गाड़ी को रोकने की कोशिश की।