नई दिल्ली। वायु गुणवत्ता के लिहाज से दिल्ली एनसीआर सहित 24 शहरों की हवा गंभीर श्रेणी में पहुंचने की कगार पर है। यहाँ की हवा सांस लेने के लिहाज से बहुत ही खराब दर्ज की गई है और असुरक्षित होने के कारण इन शहरों की हवा को लाल निशान से चिह्नित किया गया है। इसी के चलते एनसीआर में निर्माण कार्यों पर फिलहाल रोक लगा दी गई है।
दिल्ली में दिवाली पर पटाखों पर लगी रोक के बावज़ूद हवा की गुणवत्ता निम्रतरस्तर पर है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के बुलेटिन के अनुसार, दिल्ली की 24 घंटों का वायु गुणवत्ता सूचकांक शनिवार को अपराह्न चार बजे 397 दजऱ् किया गया, जो गंभीर स्थिति उत्पन्न होने से बस तीन अंक नीचे हैं। दिल्ली में औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक शनिवार को इस साल जनवरी के बाद से सबसे खराब स्तर पर है। इसके पहले दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक सोमवार को 312, मंगलवार को 302, बुधवार को 271 और गुरुवार को 354 था।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की बिगड़ती वायु गुणवत्ता के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता आयोग ने शनिवार को निर्माण कार्य से संबंधित गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया। ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान उप-समिति ने वायु गुणवत्ता में और गिरावट को रोकने के लिए पूरे एनसीआर में जीआरएपी के चरण- 3 को लागू करने का निर्णय लिया है।
इन पाबंदियों में निर्माण और तोडफ़ोड़ करने से संबंधित गतिविधियों पर रोक लगा दी गई है; लेकिन सेंट्रल विस्टा, राष्ट्रीय सुरक्षा, रक्षा, रेलवे और मेट्रो समेत अन्य आवश्यक परियोजनाओं को इससे छूट होगी, जबकि ईंट-भ_ों, खदानों व कोयले के उपयोग पर रोक रहेगी।
किन शहरों में बढ़ा प्रदूषण?
दिल्ली के अलावा 24 शहर और हैं, जिनकी हवा बहुत खराब हो चुकी है। इनमें बागपत, बल्लभगढ़, बेगूसराय, भिवंडी, भिवानी, बुलंदशहर, चरखीदादरी, दरभंगा, देहरादून, फरीदाबाद, फतेहाबाद, गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम, हापुड़, हिसार, जींद, कैथल, मानेसर, मोतीहारी, सिरसा, सिवान व सोनीपत शामिल हैं, जिनका एक्यूआइ 300 के पार दजऱ् किया गया है। राष्ट्रीय राजधानी और इसके आसपास के इलाके में हालात की गंभीरता के मद्देनजर ग्रेप प्रदूषण निरोधक $कदम उठाने के लिए तैयार हैं। इसके तहत तमाम पाबंदियां लगा दी गई है।