इंदौर। इंदौर के बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर हादसे में अब तक 35 लोगों की मौत होने की खबर है, जबकि 20 से ज़्यादा लोगों का इलाज चल रहा है। गुरुवार देर रात तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलता रहा। शुक्रवार की सुबह रेस्क्यू दोबारा शुरू किया गया। बावड़ी की दीवारें और स्लैब तोड़ी जा रही है। आर्मी ने भी मोर्चा संभाल रखा है तथा प्रशासन की भी कई टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल हैं। बावड़ी से काला पानी निकल रहा है, जिससे टीम को परेशानी आ रही है। अंदेशा है कि अभी कुछ और लोगों के शब मलबे के नीचे दबे हो सकते हैं।
मालूम हो कि गुरुवार को रामनवमी पर मंदिर में पूजा की जा रही थी और सुबह 11 बजे हवन शुरू हुआ था। मंदिर परिसर के अंदर बावड़ी की गर्डर फर्शी से बनी छत पर 60 से अधिक लोग बैठे थे कि तभी स्लैब भर-भराकर गिर गया। सारे लोग 60 फीट गहरी बावड़ी में जा गिरे। यह मंदिर करीब 60 साल पुराना है।
ढंक दी गई थी बावड़ी
स्थानीय प्रशासन के मुताबिक, मंदिर समिति ने बिना अनुमति 30 साल पहले अवैध ढंग से बावड़ी को ढंक दिया। पूजा कर रहे लोगों को भी पता ही नहीं था कि वे बावड़ी पर बैठे हैं। निगम के रिकॉर्ड में दर्ज 629 बावडिय़ों की सूची में पटेल नगर की बावड़ी का कहीं जिक्र ही नहीं था। समिति ने बावड़ी पर जाली ढक कर ऊपर फर्श बना दिया था।