रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य के महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों का बहुत बड़ा खेल सामने आया है। अधिकारियों ने लगभग 400 करोड़ रुपये की सरकारी राशि सरकारी बैंक से निकालकर निजी बैंकों में जमा कर दी है। इसके एवज में बैंकों से पांच गाडिय़ों समेत कुछ अन्य सुविधाओं का सौदा हुआ है। दो डिजायर गाडिय़ाँ विभाग को मिल भी गई हैं। अब जब यह चर्चा सुर्खियों में आ गई है, तो अधिकारी मामले में लीपापोती करते हुए कह रहे हैं कि दान में मिली गाडिय़ों को वे लौटा रहे हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, समेकित बाल विकास योजना (आइसीडीएस) के तहत बच्चों के उचित मानसिक, शारीरिक और समाजिक विकास के लिए केंद्र सरकार राशि भेजती है। यह राशि आंगनबाड़ी भवनों, बच्चों के टीकाकरण, स्वास्थ्य जांच, पूरक पोषण आहार, बच्चों की अनौपचारिक शिक्षा आदि पर खर्च की जाती है। विभागीय अधिकारियों ने केंद्र प्रवर्तित योजनाओं की इस राशि को निजी बैंकों में जमा कर दिया है।
एकीकृत बाल विकास परियोजना और प्रधानमंत्री मातृ वंदन योजना की राशि भी इसमें शामिल है। इसके एवज में सौदे के मुताबिक मिलीं दो डिजायर गाडिय़ों का उपयोग संयुक्त संचालक और सहायक संचालक कर रहे हैं। वहीं दो डिजायर और एक मारुति सुजुकी सियाज अभी मिलनी हैं। विभागीय गलियारे में इस बात की चर्चा जोरों पर है।
इस पर अधिकारियों का कहना है कि ये गाडिय़ां सीएसआर (कार्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी) के तहत दी गई हैं, जबकि जानकारों की मानें तो सीएसआर के नियमों में अधिकारियों के लिए वाहन खरीदने का इस फंड में कोई प्रविधान नहीं है।