नई दिल्ली, संकल्प शक्ति। किसी भी देश के लिए अपनी सैन्यशक्ति को मज़बूत करना प्राथमिकता ह और इस बात में भी इंकार नहीं किया जा सकताइस समय विश्व में उत्पन्न विषम परिस्थितियों में परमाणु हथियार सभी देशों की शक्ति का बहुत बड़ा आधार हैं।
गौरतलब है कि रूस और यूक्रेन युद्ध के दौरान जिस तरह से परमाणु हमले के नाम पर रूस ने दबाव बनाया है, उससे साधनसम्पन्न विकसित एवं विकाशशील देशों का ध्यान अपनी परमाणुशक्ति बढ़ाने की ओर आकर्षित हुआ है।
सूत्रों के अनुसार, भारत देश भी अपनी सुरक्षा के प्रति सतर्क है और अपने परमाणु हथियारों की संख्या में तेजी के साथ वृद्धि कर रहा है। मालूम हो कि दुनियाभर में परमाणु हथियारों का 90 प्रतिशत अमेरिका और रूस के पास है। पुराने हथियारों को नष्ट करने के कारण 2021 में इन दोनों के न्यूक्लियर वारहेड की संख्या कुछ कम हुई है। हालांकि प्रयोग के योग्य हथियारों की संख्या स्थिर बनी हुई है। दूसरी ओर इजरायल कभी सार्वजनिक रूप से परमाणुशक्ति संपन्न होने का दावा नहीं करता है, लेकिन माना जा रहा है कि ब्रिटेन और इजरायल समेत अन्य परमाणुशक्ति संपन्न देश भी अपनी शक्ति बढ़ाने में लगे हैं।
किनके पास है सबसे अधिक परमाणु हथियार?
भारत के पास परमाणु हथियारों की कमी नहीं है, लेकिन भारत की नीति है कि वह पहले परमाणु हथियार का प्रयोग नहीं करेंगा, लेकिन पाकिस्तान में ऐसी कोई नीति या नियम नहीं बनाए गए हैं। जिन नौ देशों के पास परमाणु हथियार हैं- वो हैं अमेरिका, रूस, यूनाइटेड किंगडम, फ्ऱांस, चीन, भारत, पाकिस्तान, इजरायल और उत्तर कोरिया। रूस के पास 5977, अमेरिका के पास 5428, चीन के पास 350, फ्रांस के पास 290, यूके के पास 225, पाकिस्तान के पास 165, भारत के पास 160, इजरायल के पास 90 और उत्तरी कोरिया के पास 20 परमाणु हथियार हैं।