नई दिल्ली। देशभर में एक वर्ष में 70 विश्वविद्यालय खोले गए और अब 43,796 कॉलेज उच्च शिक्षा दे रहे हैं। ये तथ्य केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की ओर से रविवार को जारी किए गए उच्च शिक्षा पर अखिल भारतीय सर्वेक्षण में सामने आए। एक साल में उच्च शिक्षा में 47,914 शिक्षक बढ़े हैं।
सर्वेक्षण के मुताबिक देश में सबसे अधिक विश्वविद्यालय राजस्थान में हैं। यहां इनकी संख्या 92 है। इसके बाद उत्तरप्रदेश में 84 और गुजरात में 83 विश्वविद्यालय हैं। उच्च शिक्षा में पहली बार विद्यार्थियों का नामांकन चार करोड़ को पार करके 4.14 करोड़ तक पहुंचा है। उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, मध्यप्रदेश, कर्नाटक और राजस्थान में सबसे अधिक विद्यार्थियों का नामांकन बढ़ा है।
अगर वृद्धि की बात करें तो यह 2019-20 के मुकालबे 7.5 फीसदी और 2014-15 मुकाबले 21 फीसदी रही। उच्च शिक्षा में छात्राओं की संख्या में भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है और यह दो करोड़ के पार तक जा पहुंची है। 2019-20 में छात्राओं की संख्या में 19 लाख का इजाफा हुआ है। सर्वेक्षण की रिपोर्ट में मुताबिक कुल नामांकित विद्यार्थियों में से स्रातक स्तर पर 79.06 फीसदी और स्रातकोत्तर स्तर पर 11.50 फीसदी हैं। स्रातक स्तर की बात करें तो सबसे अधिक विद्यार्थी कला विषयों की पढ़ाई कर रहे हैं। कला की पढ़ाई 33.5 फीसद, विज्ञान की पढ़ाई फीसद 15.5, वाणिज्य की पढ़ाई 13.9 फीसदी और इंजीनियरिंग व प्रौद्योगिकी की पढ़ाई 11.9 फीसद विद्यार्थी करते हैं।
रिपोर्ट में मुताबिक 2014-15 के मुकाबले अनुसूचित जाति (एससी) वर्ग के विद्यार्थियों की संख्या में 28 फीसदी और एससी छात्राओं की संख्या में 38 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। 2014-15 के मुकाबले अनुसूचित जनजाति (एसटी) वर्ग के विद्यार्थियों की संख्या में 47 फीसदी और एसटी छात्राओं की संख्या में 63.4 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। वहीं, 2014-15 के आधार पर देखें तो अन्य पिछड़े वर्ग (ओबीसी) के विद्यार्थियों की संख्या में 32 फीसदी और ओबीसी छात्राओं की संख्या में 39 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। सर्वेक्षण 2020-21 में 2014-15 के मुकाबले पूर्वोत्तर क्षेत्र के विद्यार्थियों की संख्या में 34 फीसदी और पूर्वोत्तर क्षेत्र की छात्राओं की संख्या में 34 फीसद की बढ़ोतरी हुई है।
मंत्रालय 2011 से उच्च शिक्षा पर अखिल भारतीय सर्वेक्षण आयोजित कर रहा है, जिसमें भारतीय क्षेत्र में स्थित सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को शामिल किया गया है। सर्वेक्षण विभिन्न मापदंडों पर विस्तृत जानकारी एकत्र करता है जैसे विद्यार्थी नामांकन, शिक्षक के आंकड़े, अवसंरचना संबंधी जानकारी, वित्तीय जानकारी आदि। सर्वेक्षण 2020-21 में पहली बार, एचईआइ ने ‘वेब डेटा कैप्चर प्रारूप के माध्यम से पूरी तरह से ‘आनलाइन डेटाÓ संग्रह मंच का उपयोग करके आंकड़े भरे हैं।