नई दिल्ली। हाल ही में जम्मू-कश्मीर में लिथियम का बड़ा भंडार मिला है और इसमें लगभग साठ लाख टन लिथियम होने का अनुमान है। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण द्वारा किए गए अध्ययन के अनुसार रियासी में पाया गया यह लिथियम भंडार उच्च गुणवत्ता का है।। जम्मू-कश्मीर में मिले इस भंडार में लिथियम का मानक साढ़े पांच सौ पीपीएम से अधिक है। तीन सौ पीपीएम से अधिक गुणवत्ता वाले किसी भी लिथियम खनिज को अच्छा माना जाता है। यह एक दुर्लभ धातु है। विद्युत बैटरी के लिए दुनिया भर में इसकी बहुत अधिक मांग है। अभी तक भारत लिथियम के लिए दूसरे देशों पर निर्भर है, लेकिन अब जम्मू-कश्मीर में लिथियम का भंडार मिलने से भारत आत्मनिर्भर बनेगा।
मोबाइल, लैपटाप, डिजिटल कैमरा में उपयोग
लिथियम का सबसे अधिक उपयोग मोबाइल, लैपटाप, डिजिटल कैमरा और विद्युत वाहनों के लिए रिचार्जेबल बैटरी में होता है। दिल के पेसमेकर, खिलौने और घडिय़ों जैसी चीजों के लिए कुछ गैर-रिचार्जेबल बैटरी में भी लिथियम का उपयोग किया जाता है। अनेक चिकित्सीय उपकरणों में भी लिथियम का उपयोग किया जाता है। इसीलिए भविष्य के लिए लिथियम बहुत महत्त्वपूर्ण है। वर्तमान में लिथियम सहित निकल और कोबाल्ट जैसे कई महत्त्वपूर्ण खनिज भारत द्वारा आयात किए जाते हैं।