नई दिल्ली। डॉक्टरों के विरुद्ध हो रही हिंसा की घटनाओं को रोकने के लिए नेशनल मेडिकल कमीशन ने नोटिफिकेशन जारी किया है। इसमें डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर कहा गया कि रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिसनर्स (आरएमपी) उन मरीजों या रिश्तेदारों का इलाज करने से इनकार कर सकते हैं, जो डॉक्टरों के साथ गाली-गलौज, मारपीट व हिंसा करने पर उतारू होजाते हैं।
मरीज की उपेक्षा करने से बचें डॉक्टर
आरएमपी के नोटिफिकेशन में कहा गया है कि इमरजेंसी केस को छोड़कर डॉक्टर ये तय करने के लिए स्वतंत्र है कि वह किस मरीज का इलाज करें। डॉक्टरों की मरीजों के प्रति जवाबदेही है साथ ही उनकी उपेक्षा करने से बचना चाहिए।
परामर्श शुल्क की जानकारी दें
डॉक्टर को मरीजों के इलाज से संबंधित हर बात को उनके परिजनों से भी साझा करनी चाहिए और बिना किसी कारण के केस देखने से हटना नहीं चाहिए। डॉक्टरों को मरीजों के इलाज से पहले परामर्श शुल्क की भी जानकारी देनी होगी। अगर मरीजों की सर्जरी करनी है, तो उसमें आने वाले खर्च भी बताना होगा।