खूबकला, सिसिम्ब्रियम आयरन लिन का बीज है, जिसे जंगली सरसों के नाम से भी जाना जाता है। आयुर्वेद में खूबकला के बीजों का उपयोग कई समय से खांसी, जुकाम और अन्य बीमारियों के इलाज के लिए किया जा रहा है। यह जड़ी-बूटी पंजाब, हरियाणा, कश्मीर, राजस्थान और उत्तरप्रदेश में पाई जाती है। आज के समय में यह आपको ऑनलाइन भी आसानी से मिल जाती है। खूबकला के बीज विटामिन्स और मिनरल्स से भरपूर होती है, जो सेहत के लिए किसी खजाने से कम नहीं है। खूबकला का उपयोग बच्चों को सेहतमंद रखने के लिए भी किया जाता है। जानिए बच्चों के लिए खूबकला के बीज के फायदे क्या हैं?-
1. कमज़ोरी दूर करे
पोषकतत्त्वोंं से भरपूर खूबकला के बीज ओमेगा-3 फैटी एसिड, प्रोटीन और फाइबर से भरपूर होते हैं, जो बच्चों के शरीर में एनर्जी बढ़ाने और कमज़ोरी दूर करने में मदद कर सकता है। खूबकला के बीज का पाउडर आप बच्चों के स्मूदी, दही या ओटमील में मिलाकर कर सकते हैं।
2. सर्दी और खांसी से राहत
खूबकला के बीज में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो बच्चों में बार-बार होने वाले सर्दी और खांसी के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं। इसके अलावा, खूबकला के बीजों में मौजूद म्यूसिलेज गले को आराम पहुंचाने का काम करता है। खूबकला के बीजों को भूनकर पाउडर बना लें और फिर गर्म पानी या दूध में मिलाकर पिलाएं।
3. भूख न लगने की समस्या से राहत
खूबकला के बीज में फाइबर के गुण होते हैं, जो पाचन में सुधार कर सकते हैं और भूख को बढ़ावा देता है, जिससे पाचन तंत्र बेहतर रहता है। बच्चों का पाचन बेहतर रखने के लिए आप पिसे हुए खूबकला के बीजों को सलाद या स्प्राउट्स पर छिड़कर बच्चों को खाने के लिए दे सकते हैं।
4. बार-बार बुखार आने से रोके
खूबकला के बीजों में एंटीऑक्सीडेंट और ओमेगा-3 फैटी एसिड होते हैं, जो इम्यूनिटी सिस्टम को मज़बूत करने और बुखार का कारण बनने वाले इंफेक्शन को रोकने में मदद कर सकता है। इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण बुखार के लक्षणों को कंट्रोल करने में मदद करता है।