भोपाल। मध्यप्रदेश में सरकार ने आबकारी नीति में परिवर्तन करते हुए हेरिटेज मदिरा को बार में रखना अनिवार्य किया है। साथ ही बार के मेन्यू में भी इसका उल्लेख करना होगा। नई आबकारी नीति के अनुसार घर में भी महुआ की शराब रखने की छूट रहेगी। हेरिटेज मदिरा पर सरकार कोई शुल्क नहीं लेती है।
उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा की अध्यक्षता में बनी मंत्रिमंडलीय समिति में आबकारी नीति में यह प्रावधान करने पर सहमति बन गई है। जल्द ही इसकी अधिसूचना जारी की जाएगी। म.प्र. में महुआ के फूल से बनने वाली हेरिटेज मदिरा को पहचान दिलाने के लिए आबकारी नीति के अंतर्गत वर्ष 2022 में नियम बनाए गए हैं। इसका उत्पादन केवल जनजातियों के लिए अधिसूचित क्षेत्रों में और केवल जनजातियों के स्व सहायता समूह द्वारा ही किया जा सकता है। विनिर्माण इकाई के परिसर में विक्रय के लिए दुकान भी खोली जा सकती है। अब विस्तार देने का निर्णय लिया गया है।
होटल-बार में दो पेटी मदिरा ही रखी जा सकेगी
मंत्रिमंडलीय समिति में सहमति बनी है कि हेरिटेज मदिरा को प्रत्येक होटल-बार में रखना अनिवार्य होगा। दो पेटी मदिरा रखी जा सकेगी। इतना ही नहीं बार के मेन्यू में भी इसकी उपलब्धता का उल्लेख करना होगा। घर पर भी चार बोतल हेरिटेज मदिरा रखी जा सकेगी।
महुआ फूल की मदिरा को बढ़ावा
आबकारी विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जनजातीय समुदाय द्वारा बनाई जाने वाली महुआ के फूल से मदिरा की अपनी अलग पहचान है। इसकी उपलब्धता सीमित है। अभी उत्पादन सीमित हो रहा है पर नई इकाइयां आगे आ रही हैं। अभी डिंडोरी और आलीराजपुर में दो स्वयं सहायता समूहों को उत्पादन के लिए छूट दी गई है। हेरिटेज मदिरा पर सरकार कोई शुल्क नहीं लेती है।