लौकी का जूस लिवर और किडनी संबंधी समस्याओं का उपचार करता है और टॉक्सिन को बॉडी से बाहर निकालता है। यूरिक एसिड का बढऩा एक ऐसी बीमारी है, जो अक्सर 40 साल की उम्र के बाद ही होती है। खराब खान-पान और बिगड़ती जीवनशैली की वजह से लोग कम उम्र में ही इस बीमारी का शिकार हो रहे हैं। यूरिक एसिड एक रसायन हैं, जो हम सभी की बॉडी में बनता है। ये रसायन हमारी बॉडी का वेस्ट मटेरियल है, जिसे किडनी फिल्टर करके यूरिन के जरिए बॉडी से बाहर निकाल देती है। यूरिक एसिड का बनना कोई परेशानी की बात नहीं है, लेकिन इसका बॉडी में जमा होजाना बॉडी को बीमार बना सकता है।
डाइट में प्यूरिन का अधिक सेवन करने से बॉडी में यूरिक एसिड का स्तर बढऩे लगता है। कई बार किडनी इस बढ़े हुए यूरिक एसिड को बाहर नहीं निकाल पाती और ये बॉडी में जमा होने लगता है। यूरिक एसिड बढऩे पर वो क्रिस्टल के रूप में जोड़ों में जमा होने लगता है। यूरिक एसिड बढऩे की वजह से पैरों में और जोड़ों में दर्द की शिकायत रहती है।
लौकी का जूस:
लौकी की सब्जी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है। इस सब्जी का इस्तेमाल उसका जूस बनाकर किया जाए, तो यूरिक एसिड को कंट्रोल किया जा सकता है। विटामिन बी और सी से भरपूर ये सब्जी पाचन को दुरुस्त करती है। लौकी का जूस भूख को शांत करता है और मोटापा को कंट्रोल करता है। इसका सेवन करने से पेट की कई समस्याओं, भूख न लगना, लिवर और किडनी संबंधी समस्याओं का भी उपचार होता है। अगर आप बढ़े हुए यूरिक एसिड को कंट्रोल करना चाहते हैं, तो लौकी के जूस को नित्यप्रति सुबह पिएं।
कैसे बनाएं लौकी का जूस?
लौकी का जूस बनाने के लिए लौकी लें और उसे अच्छे से वॉश कर लें। जूस बनाने से पहले लौकी को चेक कर लें कि उसका स्वाद कड़वा नहीं हो। लौकी को वॉश करने के बाद उसके छोटे-छोटे टुकड़ें कर लें और उन्हें जूसर में डालकर ग्राइंड करें।
ग्राइंड करने के बाद जूस को गिलास में डालें और उसका सेवन करें। यदि आप लौकी का जूस सुबह खाली पेट पिएंगे तो आपको अधिक लाभ प्राप्त होगा।