नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति ने उत्तराखंड के पूर्व वनमंत्री हरक सिंह रावत को कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के अंदर अवैध निर्माण गतिविधियों के लिए जि़म्मेदार ठहराते हुए फटकार लगाई है। इसके साथ ही राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) को गंभीर खामियो के लिए दोषी ठहराया है।
सुप्रीम कोर्ट को सौंपी गई रिपोर्ट में कॉर्बेट रिजर्व के अंदर पर्यटकों के लिए बंदी बाघों को प्रदर्शित करने के लिए, बाघ सफारी सुविधा स्थापित करने में पेड़ की कटाई और निर्माण कार्य में कथित अवैध गतिविधियों पर समिति ने निष्कर्ष निकाला है।
सीईसी की रिपोर्ट में हरक सिंह रावत को सुनने के बाद उचित कार्रवाई की सिफारिश करते हुए कहा गया है कि घटनाओं के क्रम से केवल एक निष्कर्ष निकलता है कि तत्कालीन वनमंत्री पूरे मामले के मुख्य सूत्रधार थे।