नई दिल्ली। सरकारी वैज्ञानिकों को एक ऐसा ऑप्टोमैकेनिकल सिस्टम विकसित करने के लिए कहा गया है, जिसके माध्यम से हर वर्ष रामनवमी पर अयोध्या मंदिर में रामलला के माथे पर सूर्य की किरण प्रदर्शित होंगी। वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद-केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर-सीबीआरआई) रुड़की और दो अकादमिक संस्थानों के खगोलविद सिस्टम के डिजाइन पर काम कर रहे हैं। ऑप्टोमैकेनिकल सिस्टम में लेंस, दर्पण और माइक्रोकंट्रोलर का उपयोग होगा। जिसे सूर्य की बदलती स्थिति के साथ तालमेल बिठाया जाएगा। सूर्य की किरणें हर साल राम नवमी पर मूर्ति के माथे पर एक बिन्दु पर पड़ेगी।
गौरतलब है कि अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर का काम वर्ष 2024 में पूरा हो जाएगा।