नई दिल्ली। उच्चशिक्षा का खर्च लगातार बढ़ रहा है। खासकर विदेश से उच्चशिक्षा हासिल करना काफी महंगा हो गया है। बच्चों की पढ़़ाई के लिए निवेश अधिकतर अभिभावकों की फाइनेंशियल प्लानिंग में सबसे अहम रूप से शामिल होता है। लोग इसके लिए बच्चे के जन्म के साथ ही रियल एस्टेट, एफडी, स्टॉक्स और म्यूचुअल फंड्स में निवेश करते हैं, ताकि हायर एजुकेशन के समय बेचकर बच्चे की फीस भर सकें। हालांकि निवेश सलाहकारों का कहना है कि हायर एजुकेशन के लिए अपने निवेश को बेचने से बेहतर एजुकेशन लोन लेना है।
एजुकेशन लोन लेने के फायदे
निवेश सलाहकारों का कहना है कि हायर एजुकेशन के लिए निवेश को बेचने से बेहतर बैंक से एजुकेशन लोन लेना है। उनका कहना है कि सेक्शन 80ई के तहत एजुकेशन लोन पर लगने वाला पूरा ब्याज टैक्स फ्री है। इसमें लोन राशि की कोई सीमा भी नहीं है। साथ ही विदेश में पढ़ाई के लिए सालाना 07 लाख रुपए भेजने पर टीसीएस नहीं कटता है। एजुकेशन लोन लेकर पढ़ाई के विदेश सालाना 07 लाख रुपए से अधिक भेज रहे हैं, तो उस पर 0.5 प्रतिशत टीसीएस कटता है। वहीं सेल्फ फंड यानी खुद का पैसा भेजते हैं, तो 5 फीसदी टीसीएस कटता है।