नई दिल्ली। नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से लाए गए कुल 20 चीतों में से छह की मौत के बाद चीता प्रोजेक्ट में अब कुछ बड़े बदलाव की तैयारी है, जिसमें मौज़ूदा चीतों को मौसम की अनुकूलता देखकर ही खुले जंगल में छोड़ा या फिर उन्हें बाड़ों (इनक्लोजर) में रखा जाएगा। इसके साथ ही चीतों की जो नई खेप आने वाली है वह भी नामीबिया या फिर दक्षिण अफ्रीका के अतिरिक्त किसी दूसरे देश से भी लाई जा सकती है।
फिलहाल जो संकेत मिल रहे हंै उसमें केन्या से चीते लाए जा सकते हंै। मौजूदा समय में देश में चीतों की संख्या करीब 12 सौ के करीब है। इनमें से ज़्यादातर खुले जंगल में ही रहते है। वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक, चीता प्रोजेक्ट के तहत वैसे भी देश में अगले दस सालों तक हर साल दस से बारह चीतों को लाने की योजना है, लेकिन इस दौरान यह ध्यान दिया जा रहा है कि जो भी चीते आएं, वे भारतीय जलवायु में ढल सकें।