नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट न कहा कि सरकार न्यायाधीशों की नियुक्ति पर कॉलेजियम के अपने फैसले को दोहराने के लिए बाध्य है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कानून और न्याय मंत्रालय को नोटिस जारी किया और न्यायाधीशों की नियुक्ति में देरी पर जवाब मांगा।
अदालत ने कहा, जब तक बेंच सक्षम वकीलों से सुशोभित नहीं होती है, तब तक $कानून और न्याय के शासन की अवधारणा ही प्रभावित होती है। उच्च न्यायालय के कॉलेजियम से सिफारिश के बाद सरकार से इनपुट लेने की विस्तृत प्रक्रिया में सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने नामों पर विचार किया।
जस्टिस संजय किशन कौल और अभय ओका की पीठ ने $कानून और न्याय मंत्रालय में न्याय सचिव और अतिरिक्त सचिव (प्रशासन और नियुक्ति) को 28 नवंबर से पहले जवाब देने के लिए एक नोटिस जारी किया।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वर्तमान में सरकार के पास 10 सिफारिशें लंबित हैं, जहाँ कॉलेजियम ने हाई कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में एक उम्मीदवार की नियुक्ति के अपने फैसले को दोहराया है। वहीं कॉलेजियम द्वारा अनुशंसित 11 नाम भी सरकार के पास बिना किसी कारण के लंबित हैं।