मध्यप्रदेश में झाँसी से 16 किलोमीटर दूर, बेतवा नदी के द्वीप पर ओरछा किला स्थित है। ओरछा फोर्ट का निर्माण 16 वीं शताब्दी में बुंदेला राजवंश के राजा रुद्रप्रताप सिंह के द्वारा करवाया गया था। इस किले का मुख्य आकर्षण राजामहल है, जो जटिल वास्तुकला प्रदर्शित करता है। इस फोर्ट में राजा महल के साथ-साथ पर्यर्टकों को आकर्षित करने के लिए शीश महल, फूल बाग, राय प्रवीण महल और जहाँगीर महल जैसे कई स्थान हैं। किला का एक भाग राम राजा मंदिर में परिवर्तित हो गया, यह मंदिर देश का एकमात्र ऐसा स्थान है, जहाँ भगवान् राम को राजा राम के रूप में पूजा जाता है।
ओरछा किले का इतिहास
ओरछा किले का इतिहास 16 वी शताब्दी का माना जाता है। ओरछा किला का निर्माण 1501 में ओरछा की स्थापना के तुरंत बाद रूद्र प्रताप सिंह, बुंदेला राजपूत के द्वारा की गयी थी। ओरछा फोर्ट का निर्माण होने के बाद, इस परिसर में कई महल और मंदिरों का निर्माण किया गया था, जबकि ओरछा फोर्ट का सबसे महत्त्वपूर्ण हिस्सा राजामहल का निर्माण 1554 से 1591 के बीच में राजा मधुकर शाह के द्वारा करवाया गया था और सावन भादों महल का निर्माण वीर सिंह देव ने 1605-1627 के बीच करवाया था।
यदि आप ओरछा किला घूमने जा रहे हंै, तो किले की पूर्ण यात्रा के लिए कम से कम 2-3 घंटे का समय अवश्य निकालें।
घूमने के लिए कब जाएं ओरछा फोर्ट?
माह अक्टूबर से मार्च का समय ओरछा फोर्ट घूमने हेतु जाने का अतिउत्तम समय है, क्योंकि इस दौरान ओरछा का मौसम सुखद और अनुकूल रहता है। ओरछा के ऐतिहासिक और वास्तुशिल्प की खोज के लिए यह एक आदर्श समय है। इसके अलावा यदि आप चाहे तो मानसून में भी ओरछा किला की यात्रा कर सकते है, क्योंकि यहाँ बारिश औसत रूप में ही होती है, लेकिन अप्रैल से शुरू होने वाली गर्मियों में ओरछा फोर्ट की ट्रिप से बचें, क्योंकि इस समय यहाँ का तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है और तीव्रगर्मी में घूमना परेशानी का कारण बन सकता है।