बेंगलुरु। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को शौर्य संध्या कार्यक्रम में भाग लिया। यह कार्यक्रम 75वें सेनादिवस के अवसर पर बेंगलुरु में आयोजित किया गया था।
रक्षामंत्री ने 75वें सेना दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मैं थलसेना दिवस पर, कर्नाटक की इस पावनभूमि से उन सभी महान विभूतियों को नमन करता हूं, जिनके त्याग और बलिदान के कारण हमारे देश की संप्रभुता आज एक और अखंड है।
उन्होंने कहा यह आयोजन, फील्ड मार्शल करियप्पा को भी एक श्रद्धांजलि है, जो कि स्वयं कर्नाटक से संबंध रखते थे और उन्होंने आज़ाद भारत के पहले युद्ध में हमारी सेना का नेतृत्व किया था और सेना को सशक्त बनाने में अपना महत्त्वपूर्ण योगदान दिया था।
राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में सेना की जमकर तारीफ की और उनके शौर्य को सलाम करते हुए कहा कि कितनी ही चुनौती क्यों न हो सेना ने धैर्य और वीरता से उनका मुकाबला किया है। सेना के लगातार नए समय के साथ बदलाव किया है। उन्होंने कहा कि 6-7 दशकों में सुरक्षा चुनौतियों में भी बढ़ोतरी हुई है और जो चुनौतियां दस साल में देखी हैं वो पिछले सौ साल में भी नहीं देखी गई हैं।
रक्षामंत्री ने नई तकनीक की नई जंग को लेकर कहा कि दुनिया में ड्रोन इस्तेमाल में लाए जा रहे हैं। अंडर वॉटर ड्रोन चल रहे हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल ज़्यादा हुआ है और भारतीय सेना भी अपने को बदल रही है। कारगिल से लेकर गलवान और अब तवांग में भारतीय जवानों ने जिस तरह से शौर्य दिखाया उससे देश के लोगों के दिलों में विश्वास को और मज़बूत बनाया है।