भारत देश में नशे को लेकर चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। एक सर्वे से पता चला है कि देश में नशा करने वालों की संख्या 37 करोड़ के पार चली गई है। यह संख्या दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आबादी वाले देश अमेरिका से अधिक है। इनके साथ ही, नशे करने वालों में शराब पीने वालों की संख्या 16 करोड़ तक पहुंच गई है, जो रूस की आबादी के बराबर है।
ये सर्वे समाज कल्याण एवं सशक्तिकरण मंत्रालय ने एम्स के नेशनल ड्रग्स डिपेंडेंस ट्रीटमेंट सेंटर के माध्यम से कराया है। मंत्रालय ने विगत दिनों ये आंकड़े संसद के साथ साझा किए हैं। सर्वे के मुताबिक, 17 साल से कम उम्र के 20 लाख बच्चे गांजे की लत का शिकार हैं।
सर्वे के मुताबिक, शराब पीने वालों में 19 प्रतिशत (लगभग तीन करोड़) ऐसे हैं जो शराब के बिना रह नहीं पाते। 2.26 करोड़ लोग यानी कुल आबादी का 2.1 प्रतिशत अफीम, इसके डोडे, हेरोइन, स्मैक और ब्राउन शुगर जैसी ड्रग्स के शिकंजे में हैं।
गौरतलब है कि शराब नामक ज़हर का निर्माण भारत में ही बड़े पैमाने पर हो रहा है, जबकि इथियोपिया, नाइजीरिया, युगांडा आदि से अन्य घातक नशीले पदार्थ दुबई, शारजाह होकर भारत पहुंचते हैं। तस्कर मुख्य रूप से हेरोइन, कोकीन ला रहे हैं। नेपाल, म्यांमार के रूट से गांजा, हशीश अफीम की तस्करी हो रही है।
सरकारी रिपोर्टों के अनुसार 10 से 17 साल की आयु के बच्चों में भी नशा करने का चलन बहुत तेजी के साथ बढ़ रहा है। इनमें सबसे अधिक प्रभावित राज्य आंध्रप्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, बिहार, झारखंड, कर्नाटक, मध्यप्रदेश महाराष्ट्र, एनसीटी दिल्ली, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, तेलंगाना, उत्तरप्रदेश और पश्चिम बंगाल हैं।