छोटे बच्चों को आपने कई बार मिट्टी, चॉक या दीवार को खरोंच कर खाते हुए देखा होगा। बच्चों की इन आदतों को लेकर पेरेंट्स अक्सर परेशान रहते हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि बच्चे चॉक या मिट्टी क्यों खाते हैं? आमतौर पर बच्चों के मिट्टी या चॉक खाने को लेकर यह कहा जाता है कि ऐसा बच्चे शरीर में कैल्शियम या आयरन की कमी होने की वजह से करते हैं। मिट्टी या चॉक खाने की आदत सिर्फ बच्चों में ही नहीं होती है, कई बार बड़े लोग भी ऐसा करने लगते हैं। कई अध्ययन यह कहते हैं कि बच्चों में मिट्टी या चॉक खाने की आदत शरीर में कुछ पोषकतत्त्वों की कमी की वजह से होती है। लेकिन, यह जरूरी नहीं है कि हर बच्चे की मिट्टी खाने की आदत सिर्फ शरीर में पोषकतत्त्वों की कमी की वजह से हो। कई बार बच्चों में मिट्टी खाने या चॉक खाने की आदत कुछ ईटिंग डिसऑर्डर की वजह से भी लग जाती है।
कई शोध और अध्ययन इस बात की पुष्टि करते हैं कि बच्चों की मिट्टी खाने की आदत शरीर में आयरन और कैल्शियम जैसे पोषकतत्त्वोंं की कमी की वजह से हो सकती है। शरीर में इन ज़रूरी पोषकतत्त्वों की कमी के कारण उनकी नॉन फूड आइटम्स को खाने की आदत शुरू हो सकती है। इसके अलावा कई मामलों में बच्चे उत्सुकतावश या आदतन मिट्टी या चॉक आदि खाने लगते हैं। बच्चों में चीजों का स्वाद और सुगंध जानने की इच्छा होती है और उन्हें ऐसा करना अच्छा लगता है। बच्चों में मिट्टी या चॉक खाने की आदत के कुछ प्रमुख कारण इस तरह से हैं।
शरीर में कैल्शियम, आयरन और जिंक की कमी। ईटिंग डिसऑर्डर की वजह से। किसी चीज की महक या स्वाद जाने की उत्सुकता। आदत की वजह से। ऑटिज्म नामक बीमारी की वजह से।
मिट्टी खाने के नुकसान
बच्चों या बड़ों की मिट्टी या चॉक खाने की आदत उनके लिए बहुत नकसानदायक हो सकती है। इसकी वजह से उन्हें कई समस्याएं हो सकती हैं और कई मामलों में इसके गंभीर परिणाम भी देखने को मिलते हैं। मिट्टी कोई खाने की चीज नहीं है और इसमें तमाम तरह के केमिकल्स और अन्य हानिकारक चीजें मौज़ूद हो सकती हैं जो कई गंभीर समस्याओं का कारण बन सकती हैं। मिट्टी खाने की वजह से पेट और आंतों में संक्रमण भी हो सकता है। इसकी वजह से पेट में कीड़े की समस्या भी हो सकती है।
कैसे छूटे यह आदत?
बच्चों की मिट्टी खाने की आदत को छुड़ाने के लिए सबसे पहले उन्हें ऐसा करने से मना करना चाहिए। इसके अलावा बच्चों की डाइट में पयाप्त मात्रा में आयरन, जिंक और कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थों को ज़रूर शामिल करना चाहिए। अगर आपके बच्चे में यह आदत लंबे समय से है, तो इसके लिए आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।