Sunday, November 24, 2024
Homeविविध समाचारबालश्रम करवाने वालों को हो सकती है दो साल तक की सजा

बालश्रम करवाने वालों को हो सकती है दो साल तक की सजा

शिमला। खेलने, खाने एवं पढऩे की उम्र में गरीबी में बीत रहा बचपन श्रम करने के लिए मज़बूर है और बच्चों का बचपन ढाबों व घरों में नौकर बनकर बर्बाद हो रहा है। बालश्रम रोकने के लिए कानून तो काफी कड़े बनाए गए हैं, लेकिन कानून का पालन कितना होता है, इसे हर कोई जानता है?

ज्ञात हो कि ऐसा बच्चा जो 14 वर्ष से कम आयु का हो और आजीविका के लिए काम करे, बाल मज़दूर कहलाता है। बाल मज़दूरी बड़े घरों सहित ढाबों व दुकानों में करवाई जा रही है। इसका प्रमाण श्रम एवं रोजगार विभाग, महिला एवं बाल कल्याण के साथ चाइल्ड हेल्पलाइन की ओर से की जानी वाली कार्रवाई से मिल रहा है, जबकि वह कार्यवाई आंशिक ही कही जा सकती है।

हिमाचल में हर वर्ष 50 से सौ बाल मज़दूर छुड़वाए जाते हैं। इस संबंध में दोषियों को जुर्माना भी लगाया जाता है। इसके बाद भी इन मामलों में कमी नहीं आ रही है। बड़े घरों में गरीब बच्चों को पढ़ाने के नाम पर नौकर रखा जाता है। चाइल्ड हेल्पलाइन ने प्रदेश के कई स्थानों से ऐसे मामले पकड़े हैं। बालश्रम देश के लिए अभिशाप है और इसे खत्म करने के लिए सरकार ने राष्ट्रीय बालश्रम परियोजना जैसे महत्त्वपूर्ण कदम उठाए हैं। हमारा संविधान छह से 14 वर्ष की आयु के बच्चों को अनिवार्य शिक्षा प्रदान करने पर जोर देता है। लेकिन, बाल मज़दूरी तभी खत्म हो सकती है, जब कानून का सख़्ती से पालन करने के साथ ही बालश्रमिकों को, ऐसे नौनिहालों को, रहने, खाने और शिक्षा की अच्छी व्यवस्था होगी, तभी उनका भविष्य उज्जवल होगा।

सजा का प्रावधान

बालश्रम प्रतिबंध एवं नियमन संशोधन अधिनियम 2016 का उल्लंघन करने यानी 14 वर्ष से कम आयु वालों को रोजगार देने वालों को छह माह से लेकर दो वर्ष कैद और 20 हज़ार से 50 हज़ार रुपये तक जुर्माने या दोनों सजा का प्रावधान है। कानून के अनुसार 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों को रोजगार नहीं दिया जा सकता है। चाइल्डलाइन देखरेख एवं संरक्षण के तहत ज़रूरतमंद बच्चों के लिए  24 घंटे नि:शुल्क आपातकालीन फोन 1098 सेवा उपलब्ध है।

संबंधित खबरें

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

आगामी कार्यक्रमspot_img

Popular News