नई दिल्ली। विज्ञान के क्षेत्र में भारत तेजी से विश्व के शीर्ष देशों में शामिल हो रहा है। 2015 तक हम 130 देशों के ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में 81वें नंबर पर आते थे, लेकिन 2022 में हम 40वें नंबर पर पहुंच गए हैं। प्रधानमंत्री ने अगले 25 वर्षों के लिए विज्ञान के दृष्टिकोण को रेखांकित किया और शोधकर्ताओं से देश को आत्मनिर्भर बनाने और रोजमर्रा की जिंदगी में बदलाव लाने के लिए अपने ज्ञान का विस्तार करने पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया।
मंगलवार को प्रधानमंत्री नागपुर के तुकड़ोजी महाराज विश्वविद्यालय में आयोजित 108वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस (आइएससी) को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विज्ञान के क्षेत्र में भारत तेजी से विश्व के शीर्ष देशों में शामिल हो रहा है और अगले 25 वर्षों में भारत जिस ऊंचाई पर होगा, उसमें भारत की वैज्ञानिकशक्ति की बड़ी भूमिका होगी। भारत में विज्ञान भारत को आत्मनिर्भर बनाने वाला होना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी के भारत के पास डाटा और प्रौद्योगिकी बहुतायत में हैं और इन दोनों में भारत के विज्ञान को बुलंदियों पर पहुंचाने की ताकत है।