नई दिल्ली। शुक्रवार को यूक्रेन की यात्रा पर कीव पहुंचे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक बार फिर युद्धरत रूस और यूक्रेन को शांति का संदेश दिया है। रूस की यात्रा के ठीक छह सप्ताह बाद यक्रेन पहुंचे मोदी ने वैश्विक समुदाय को संदेश दिया कि भारत दो वर्षों से चल रहे रूस-यूक्रेन युद्ध में तटस्थ नहीं है। भारत हमेशा शांति के साथ रहा है।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के साथ मुलाकात के दौरान भी मोदी ने रूस और यूक्रेन के बीच सीधी बातचीत का आह्वान किया, ताकि युद्ध को शीघ्रता से समाप्त किया जा सके। प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्र्रति जेलेंस्की के बीच अधिकारिक वार्ता के बाद एक संयुक्त बयान जारी किया गया है। इसमें भारत ने यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता व संप्रभुता के आदर की बात कही है। साथ ही दोनों देशों में सैन्य-तकनीक सहयोग को लेकर संयुक्त कार्य समूह की बैठक फिर से शुरू करने पर सहमति बनी है।
जेलेंस्की को मिला भारत आने का निमंत्रण
प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति जेलेंस्की को भारत आने का निमंत्रण दिया और कहा कि इस संकट की घड़ी में भारत ने जितना हो सका है, उतनी मदद का प्रयास किया है। आपको विश्वास दिलाता हूं कि मानवीय दृष्टिकोण से जिस तरह की भी ज़रूरत यूक्रेन को होगी, भारत आपके साथ खड़ा होगा और दो $कदम आगे चलेगा।
हम युद्ध से दूर रहे हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हम तटस्थ रहे हैं। हम पहले दिन से ही पक्षकार रहे हैं और हमारा पक्ष शांति का है। उन्होंने कहा कि शांति के लिए भारत हरसंभव मदद को तैयार है। इसके लिए मैं व्यक्तिगत प्रयास भी करूंगा।