नई दिल्ली। एसोसिएशन फोर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने लोकसभा सांसदों की संपत्ति को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट के मुताबिक लोकसभा के लिए 2009 और 2019 के बीच फिर से चुने गए 71 सांसदों की संपत्तियों में औसतन 286 फीसदी की वृद्धि पाई गई। इस रिपोर्ट में सबसे अधिक इजाफा भाजपा के सांसद रमेश चंदप्पा जिगाजिनागी की संपत्ति में हुई है।
एडीआर ने यह रिपोर्ट शक्रवार, 3 $फरवरी 2023 को जारी की है, जिसमें बताया गया है कि 2009 में भाजपा सांसद जिगाजिनागी के पास लगभग 1.18 करोड़ रुपये की संपत्ति थी। वहीं 2014 में बढ़कर उनकी संपत्ति 8.94 करोड़ रुपये हो गई। इसके साथ ही साल 2019 में उनके पास 50.41 करोड़ रुपये की संपत्ति दजऱ् की गई।
रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा सांसद रमेश चंदप्पा जिगाजिनागी की संपत्ति में 2009 से 2019 की अवधि में 4,189 प्रतिशत की वृद्धि हुई। रमेश चंदप्पा साल 2019 में लगातार छठी बार कर्नाटक के बीजापुर से निर्वाचित होकर लोकसभा पहुंचे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पिछली सरकार के दौरान जुलाई 2016 से मई 2019 तक वे केंद्रीय पेयजल एवं स्वच्छता राज्यमंत्री थे।
पीसी मोहन भी टॉप 10 में
एडीआर-नेशनल इलेक्शन वाच की इस रिपोर्ट के अनुसार, कर्नाटक से दूसरे भाजपा सांसद पीसी मोहन भी टॉप-10 सांसदों की सूची में शामिल हैं। पीसी मोहन दूसरे नंबर पर है। चुनावी हलफनामे के मुताबिक पीसी मोहन के पास 2009 में लगभग 5.37 करोड़ रुपये की संपत्ति थी, वहीं 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान दस सालों में उनकी संपत्ति बढ़कर 75.55 करोड़ रुपये हो गई। यानी उसमें 1306 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई।
वरुण गांधी की संपत्ति में भी भारी इजाफा
उत्तरप्रदेश की पीलीभीत लोकसभा सीट से भाजपा सांसद वरुण गांधी की भी संपत्ति में 12 गुना बढ़ोतरी हुई है। एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार, लगातार तीसरी बार लोकसभा पहुंचे भाजपा सांसद वरुण गांधी की संपत्ति 2009 में 4.92 करोड़ रुपये थी, जो 2019 में बढ़कर 60.32 करोड़ रुपये हो गयी। इस रिपोर्ट के अनुसार शिरोमणि अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल की संपत्ति 2009 के 60.31 करोड़ रुपये से बढ़कर 2019 में 217.99 करोड़ रुपये की हो गयी। उनकी संपत्ति में इस अवधि में 261 फीसदी की वृद्धि हुई।