हाथरस। सिकंदराराऊ के गांव फुलरई में जीटी रोड-91 के किनारे सूरजपाल उर्फ भोले बाबा उर्फ नारायण साकार विश्व हरि के सत्संग रूपी भाषण के बाद मची भगदड़ में 121 लोगों की हुई मौत के बारे में क्षेत्रीय लोगों ने कई वजहें बताई हैं। इनमें भोले बाबा के द्वारा चरण रज लेने का संदेश देने के अलावा निकासी का एक गेट और सेवादारों द्वारा धक्का-मुक्की को भी कारण माना जा रहा है।
हादसे का सच जानने के लिए न्यायिक जांच आयोग की टीम ने रविवार को पाँच घंटे तक लोगों से बात की। इस दौरान 34 लोगों के बयान दर्ज किए गए। टीम ने एसपी, डीएम सहित अन्य अधिकारियों के भी बयान दर्ज किए हैं। दो दिन तक जांच करने के बाद टीम देर शाम लखनऊ रवाना हो गई। जांच पूरी करने के लिए टीम जल्द वापस आएगी।
इस टीम में इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बृजेश कुमार श्रीवास्तव, पूर्व आईएएस अधिकारी हेमंत राव और पूर्व आईपीएस अधिकारी भवेश कुमार सिंह शामिल हैं। इन्हें दो महीने में रिपोर्ट देनी है।
हादसे की मुख्य वजह
टीम के समक्ष मुगलगढ़ी के सुधीर प्रताप ने बताया कि हादसा होने की वजह श्रद्धालुओं के द्वारा भोले बाबा के चरणों की रज लेना रहा। पब्लिक भागी तो भगदड़ मच गई। जिस गेट से भीड़ निकली उसी गेट से भोले बाबा उर्फ साकार विश्व हरि के काफिले को निकाला जा रहा था। भीड़ को देखकर सेवादारों ने धक्का-मुक्की की जिसके कारण यह हादसा हुआ।
साजिश का भी आरोप
उत्तरप्रदेश के हाथरस में सूरजपाल सिंह उर्फ भोले बाबा उर्फ नारायण साकार विश्व हरि के सत्संग के बाद भगदड़ मचने के कारण 121 लोगों की हुई मौत के मामले में स्वयंभू बाबा के अधिवक्ता एपी सिंह ने रविवार को साजिश होने का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से दावा किया कि सत्संग के दौरान कुछ लोगों ने भीड़ में ज़हरीले स्प्रे से भरे डिब्बे खोले, जिससे भगदड़ मची।
दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए एपी सिंह ने भगदड़ के पीछे साजिश का आरोप लगाया। उनका कहना था कि भोले बाबा (सूरजपाल) की बढ़ती लोकप्रियता से ईष्या करने वालों ने इसे अंजाम दिया। वकील ने दावा किया कि गवाहों ने मुझसे संपर्क किया और कहा कि 15-16 लोग ज़हरीले स्प्रे के डिब्बे लेकर आए थे, जिन्हें उन्होंने भीड़ में खोला। मैंने मारे गए लोगों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट देखी है और उससे पता चला है कि वे चोटों के कारण नहीं बल्कि दम घुटने से मरे थे।