ऋषिवर सद्गुरुदेव परमहंस योगीराज श्री शक्तिपुत्र जी महाराज के आशीर्वाद व दिशा-निर्देशन पर पंचज्योति शक्तितीर्थ सिद्धाश्रम पर तो नित्यप्रति सायंकालीन बेला में सिद्धाश्रमवासियों के द्वारा योगाभ्यास किया जाता है, जबकि अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस (21 जून) पर प्रात: 07:00 बजे से 08: 00 बजे तक अतिउत्साहपूर्वक योगाभ्यास किया गया। जिसमें शक्तिस्वरूपा बहन संध्या जी और ज्योति जी के साथ ही सिद्धाश्रम में निवासरत बच्चों, गुरुभाई-बहनों व तीर्थयात्रियों ने प्रसन्नतापूर्वक हिस्सा लिया।
योगदिवस का प्रारम्भ गुरुमंत्र और चेतनामंत्र के साथ हुआ। सभी योगाभ्यासियों ने पाँच-पाँच बाद गुरुमंत्र और चेतनामंत्र ”ॐ शक्तिपुत्राय गुरुभ्यो नम:” – ”ॐ जगदम्बिके दुर्गायै नम:” का मनोयोगपूर्वक उच्चारण किया, तत्पश्चात् शक्तिस्वरूपा बहन संध्या जी ने आसन, प्राणायाम और ध्यानक्रिया को पूर्ण कराया। अन्त में सभी ने हास्यासन करके वातावरण को और भी सरस बना दिया।
योग के सम्बंध में शक्तिस्वरूपा बहन संध्या जी का चिन्तन है कि ”योग के द्वारा आप अपनी आंतरिक व बाह्य शक्ति में संतुलन बनाए रखते हुए निरोगी जीवन प्राप्त कर सकते हैं। लेकिन, आज नशे-मांस का सेवन व चरित्रहीनता के कारण लोग शारीरिक व मानसिक रूप से कमजोर हो चुके हैं, अत: यदि जीवन को स्वस्थ व खुशहाल बनाए रखना है, तो इन बुराईयों से बचें और नित्यप्रति योगासन और सहज प्राणायाम अवश्य करें। केवल योग दिवस पर योगासन करने से कुछ नहीं होगा।”