कोलेस्ट्रॉल एक मोम जैसा पदार्थ होता है, जो रक्त के अंदर पाया जाता है। कोलेस्ट्रॉल दो तरह का होता है, खराब कोलेस्ट्रॉल और अच्छा कोलेस्ट्रॉल। बॉडी को कोलेस्ट्रॉल की ज़रूरत कोशिकाओं को हेल्दी रखने के लिए और नई कोशिकाओं के निर्माण के लिए होती है। खराब कोलेस्ट्रॉल का कंट्रोल रहना बेहद ज़रूरी है। अगर इसे कंट्रोल नहीं किया जाए, तो दिल के रोगों का ख़तरा बढ़ सकता है।
खराब कोलेस्ट्रॉल बढऩे का कारण
कोलेस्ट्रॉल बढऩे के लिए अनुवांशिक कारक भी जि़म्मेदार होते हैं। आमतौर पर कोलेस्ट्रॉल बढऩे के लिए खराब जीवनशैली को ही जि़म्मेदार माना जाता है। कोलेस्ट्रॉल बढऩे के बॉडी में लक्षण दिखना शुरू होजाते हैं। लगातार मितली आना, जबड़ों और बाहों में दर्द होना, सांस लेने में परेशानी होना और ज़्यादा पसीना आना इस बीमारी के प्रमुख लक्षण हैं।
कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करना हैं, तो अपने भोजन पर ध्यान रखना ज़रूरी है। खाने में दूध और फलों का सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल का स्तर तेजी से बढऩे लगता है। दूध एक ऐसा फूड है, जिसे लेकर अक्सर लोगों की धारणा रहती है कि ये खराब कोलेस्ट्रॉल को तेजी से बढ़ाता है, लेकिन ऐसा नहीं है।
क्या दूध कोलेस्ट्रॉल बढ़ा सकता है?
यदि आप अपने कोलेस्ट्रॉल को कम करना चाहते हैं, तो आप क्या खाते-पीते हैं? इसके बारे में सतर्क रहना शुरू कर दें। दूध हमारे भोजन का अहम हिस्सा है, जो सेहत के लिए बेहद उपयोगी है। एक नए अध्ययन के मुताबिक, दूध के नियमित सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल में वृद्धि नहीं होती है। हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन से दिल की सेहत बेहतर रहती है, वहीं दूसरी तरफ एलडीएल अगर नसों में ज़्यादा जम जाए, तो हार्ट अटैक जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा हो सकता है।