तिरुअनंतपुरम। केरल हाई कोर्ट के जस्टिस पीवी कुन्हीकृष्णन की पीठ ने नूरुल इस्लाम संगम की याचिका का निपटारा करते हुए अवैध धार्मिक और प्रार्थना स्थलों को बन्द करने का आदेश गत दिवस दिया। याचिका में मलप्पुरम जि़ले के नीलांबुर के पास एक गांव में व्यावसायिक इमारत को मस्जिद में बदलने की मांग की गई थी। केरल में अस्पतालों से तीन गुना से ज़्यादा पूजास्थल हैं।
हाई कोर्ट ने 2011 की जनगणना के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा, राज्य में सभी समुदायों के लिए पयाप्त धार्मिक स्थल और प्रार्थना कक्ष हैं। केरल में 1018 गांव हैं। 87 पालिकाओं और 06 निगमों में 29,565 अस्पताल और 101,140 पूजास्थल हैं। अगर धर्मस्थलों, प्रार्थनास्थलों को बिना दिशा-निर्देश अनुमति दी जाती है, तो नागरिकों के रहने के लिए जगह नहीं बचेगी।