जबलपुर। हाईकोर्ट ने केंद्रीय पेट्रोलियम एवं केमिकल विभाग के सचिव से पूछा है कि हाईकोर्ट के निर्देशों के परिपालन में यूनियन कार्बाइड के ज़हरीले कचरे को नष्ट करने के लिए उचित कदम क्यों नहीं उठाए गए? कोर्ट ने यह भी पूछा कि यूनियन कार्बाइड के शेष 340 टन कचरे के विनिष्टीकरण का वर्तमान स्टेटस क्या है? जस्टिस शील नागू व जस्टिस वीरेंदर सिंह की बेंच ने अगली सुनवाई 29 सितंबर तय की है।
इस बारे में 2004 में भोपाल निवासी आलोक प्रताप सिंह ने यह याचिका दायर की थी। इसमें यूनियन कार्बाइड के सुरक्षित विनिष्टीकरण की मांग की गई थी। सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता का देहांत हो चुका है, लेकिन यह जनहित याचिका है, इसलिए तर्क सम्मत निराकरण आवश्यक है। उन्होंने कोर्ट को बताया कि पूर्व में हाईकोर्ट ने उक्त रासायनिक कचरे के विनिष्टीकरण के लिए कई बार निर्देश जारी किए, लेकिन अभी भी फैक्ट्री की साइट पर 340 टन ज़हरीला कचरा पड़ा है, जो घातक है।