नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने बुधवार की सुबह पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) को 05 साल के लिए बैन कर दिया। पीएफआई के अलावा 08 और सहयोगी संगठनों
पर कार्रवाई की गई है। गृह मंत्रालय ने इन संगठनों- रिहैब इंडिया फाउंडेशन, कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया, ऑल इंडिया इमाम काउंसिल, नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन, नेशनल वुमंस फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन को बैन करने का नोटिफिकेशन जारी किया है। इन सभी के खिलाफ टेरर लिंक के सबूत मिले हैं।
सरकार ने बताए बैन लगाने के कारण
- पीएफआई और इससे जुड़े संगठन गैर$कानूनी गतिविधियों को अंजाम दे रहे थे। ये गतिविधियां देश की सुरक्षा और अखंडता के लिए खतरा हैं।
- इन संगठनों की गतिविधियाँ देश की शांति और धार्मिक सद्भाव के लिए खतरा बन सकती हैं।
- पीएफआई और इससे जुड़े संगठन देश में आतंकवाद का समर्थन कर रहे हैं।
- केंद्र सरकार ्रक्क्र के तहत 05 साल का प्रतिबंध लगा रही है। ये कदम एजेंसियों की जांच के बाद उठाया जा रहा है।
- एजेंसियों का कहना है कि पीएफआई के कुछ फाउंडिंग मेंबर्स स्ढ्ढरूढ्ढ के लीडर्स थे। इसके संबंध जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश से थे। ये दोनों प्रतिबंधित संगठन हैं।
दो राउंड में ताबड़तोड़ छापे, 356 गिरफ्तारियां
एनआईए, ईडी और राज्यों की पुलिस ने 22 और 27 सितंबर को पीएफआई और उससे जुड़े संगठनों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की थी। पहले राउंड की छापेमारी में 106 लोग गिर$फ्तार हुए थे। 27 सितंबर को दूसरे राउंड की छापेमारी में 250 लोग हिरासत में लिए गए। जांच एजेंसियों को पीएफआई के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिले, इसके बाद यह कार्रवाई की गई।