भोपाल। रातापानी सेंचुरी में एक दिसंबर से जंगल सफारी शुरू हो रही है। यह देश की एकमात्र जंगल सफारी होगी, जहां पर्यटकों को नेचर ट्रेल (जंगल के अंदर का प्राकृतिक रास्ता) पर पैदल चलने का भी मौका मिलेगा। रातापानी सेंचुरी में दो रेंज में 10 वाहनों के साथ जंगल सफारी शुरू हो रही है। इसमें झिरी (दाहोद) रेंज और देलाबाड़ी रेंज शामिल है। यह जंगल सफारी अन्य नेशनल पार्कों की तुलना में 2000 रुपए सस्ती होगी।
रातापानी सेंचुरी के अधिकारियों ने बताया कि पर्यटकों को जंगल सफारी के दौरान 03 किमी के नेचर ट्रेल पर पैदल चलने का मौका पर्यटकों को मिलेगा। जोकि गिन्नौरगढ़ किले का होगा। वहीं झिरी में कैरी महादेव के पास पर्यटक मंदिर तक जाने के लिए वाहन से नीचे उतर सकेंगे।
पर्यटकों को फिलहाल दो जगह पर ही जंगल सफारी कराई जा जाएंगी। जिसमें झिरी में 40 किमी का ट्रैक तैयार किया गया है। वहीं देलाबाड़ी रेंज में 20 किमी का ट्रैक है। पहले झिरी दाहोद में पर्यटक अपने वाहनों से अंदर जा सकते थे, लेकिन अब इसे पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। अब सफारी वाहनों के माध्यम से पर्यटकों को एंट्री मिलेगी।
हालांकि रातापानी सेंचुरी में स्थित भीमबैठिका में पर्यटकों के लिए कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। यहां पर पर्यटक पहले की तरह ही अपने वाहनों से जा सकते हैं। यहां की फीस भी यथावत रहेगी।
खर्च सिर्फ 4100 रुपए
प्रदेश के सभी नेशनल पार्कों में होने वाली सफारी की तुलना में रातापानी सेंचुरी की सफारी सस्ती होगी। जहां कान्हा, बांधवगढ़, पेंच नेशनल पार्क में जंगल सफारी में एक सफारी वाहन का कुल खर्च तकरीबन 6100 रुपए लगता है, वहीं रातापानी में महज 4100 रुपए लगेगा। जिसमें गाइड, वाहन और एंट्री फीस शामिल है।
दो रेंज में होगी सफारी
रातापानी सेंचुरी में 1 दिसंबर से जंगल सफारी शुरू हो रही है। फिलहाल दो रेंज में सफारी शुरू की जा रही है। अन्य रेंज का ट्रैक बनने के बाद उनमें भी सफारी शुरू होगी।